सैफई। समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार के दौरान चमाचम रहने वाला सैफई गांव अब प्रशासन की अनदेखी के कारण गंदगी से जूझ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गांव सैफई में फिलहाल केवल एक सफाईकर्मी की तैनाती की गई है, जबकि पहले यहां कई सफाईकर्मियों द्वारा सफाई कार्य नियमित रूप से किया जाता था।
समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान सैफई को वीवीआईपी का दर्जा प्राप्त था और इस गांव में प्रतिदिन दर्जनों सफाईकर्मी सफाई का कार्य करते थे, जिससे गांव का माहौल हमेशा साफ-सुथरा और चमाचम दिखाई देता था। लेकिन अब स्थिति यह है कि सात हजार की आबादी वाले इस गांव में सिर्फ एक सफाईकर्मी का होना पर्याप्त नहीं है, जिससे गंदगी बढ़ गई है।
सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के आस-पास की स्थिति और भी अधिक खराब हो गई है, क्योंकि यहां प्रतिदिन सैकड़ों मरीज और उनके तीमारदार आते हैं। यूनिवर्सिटी के आसपास गंदगी का ढेर जमा हो रहा है, जिससे न केवल वहां के छात्र-छात्राओं को, बल्कि आम लोगों को भी परेशानी हो रही है।
स्थानीय निवासी और व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी से गंदगी का स्तर बढ़ता जा रहा है। अब यहां के लोग और व्यापारियों ने प्रशासन से इस समस्या का समाधान करने की अपील की है, ताकि सैफई की पहले जैसी साफ-सुथरी छवि फिर से लौट सके।