इटावा। देश को क्षय रोग मुक्त बनाने के लिए हरसम्भव प्रयास किये जा रहे हैं।इसी के तहत हर महीने की 15 तारीख को स्वास्थ्य केन्द्रों पर निक्षय दिवस मनाया जा रहा है ताकि जनपद स्तर पर टीबी रोगियों की शीघ्र पहचान कर उनका इलाज किया जाए।इसके लिए जिला क्षय रोग विभाग में आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ०शिवचरन ने कहा कि हर महीने की 10 तारीख से ही सभी आशा कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर क्षय रोगियों को चिन्हित करेंगी और संभावित रोगियों को चिन्हित कर सूची तैयार कर जिला क्षय रोग विभाग को सूचित करेंगी।उन्होंने बताया कि इससे हर महीने मनाए जाने वाले निक्षय दिवस पर ज्यादा से ज्यादा लोगों की टीबी की जांच संभव हो पाएगी।
जिला समन्वयक कंचन तिवारी ने बताया कि आशा कार्यकर्ता घर-घर भ्रमण कर टीबी के एक्टिव केस से संबंधित सभी जानकारियां सूचीबद्ध करते हुए विभाग को जानकारी प्रदान करेंगी।जिन रोगियों के बैंक खाते नहीं खुले हैं या किसी कारणवश उनके खाते में निक्षय पोषण योजना के तहत धनराशि नहीं जा रही है यह सारी सूचनाएं एकत्र कर निक्षय दिवस पर रोगियों की समस्याओं का समाधान कराने के लिए आशा बेहतर समन्वय स्थापित कर सहयोग देंगी।
गृह भ्रमण करते समय आशा दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी, वाले बुखार,थकान,रात में पसीना आना,सीने में दर्द, ठंड लगकर बार-बार बुखार आने,लगातार वजन कम होने वालों की स्क्रीनिंग करते हुए निक्षय दिवस पर स्वास्थ्य केंद्र पर लाकर प्राथमिकता से जांच करवाएंगी।
उन्होंने बताया कि पिछले माह निक्षय दिवस पर 211 लोगों की स्क्रीनिंग की गई और 133 लोगों की टीबी जांच की हुई जिसमें आठ क्षय रोगी चिन्हित हुए।जिले में वर्तमान में 2198 क्षय रोगियों का इलाज चल रहा है।
जनपद में 139 निक्षय मित्र द्वारा 549 टीबी रोगियों को गोद लिया गया है जिन्हें पोषण किट प्रदान की जा रही है जिससे वह इलाज के साथ अपना खानपान बेहतर कर पाएं।जनपद में सभी क्षय रोगियों को सरकार की तरफ से हर महीने निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये की राशि भी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि यदि जनपद में कोई भी व्यक्ति क्षय रोगियों को गोद लेना चाहता है वह जिला क्षय रोग विभाग आकर संपर्क कर सकता है।
बैठक में लगभग 40 आशा वर्कर ने प्रतिभाग किया व सभी जिला क्षय रोग विभाग कार्यालय के कर्मचारी उपस्थित रहे।