Tuesday, December 23, 2025

मोबाइल के बढते कदम के चलते ग्रीटिंग कार्ड हुआ विलुप्त

Share This

भरथना (रिपोर्ट- तनुज श्रीवास्तव, 9720063658)- नववर्ष के आगमन की प्रतीक्षा पर जहाँ पहले बुक स्टाल की दुकानें आकर्षक रंग-बिरंगे डिजाइनदार ग्रीटिंगों से गुलजार हो जाती थीं और बच्चों समेत युवा अपने मित्रों, रिश्तेदारों व करीबियों को ग्रीटिंग कार्ड देने/भेजने के लिए उत्साहित रहते थे। आज मोबाइल के बढते कदमों की दुनिया ने ग्रीटिंग कार्ड के चलन को विलुप्त कर दिया है।

सुबोध यादव का कहना है कि पहले नववर्ष आने से एक माह पूर्व दिसम्बर महीने से ही किताबों की दुकानों पर आकर्षक रंग-बिरंगे ग्रीटिंग कार्ड की भरमार शुरू हो जाती थी। सस्ते-मंहँगे दोनों तरह की कीमत के बाबजूद बच्चे व युवा खूब खरीददारी करते थे।

आशीष दीक्षित कानू ने कहा कि शैक्षणिक काल के दौरान ग्रीटिंग कार्ड को लेकर बच्चों में खासा उत्साह देखने को मिलता था। ग्रीटिंग कार्ड खरीदकर उनमें शुभकामना व बधाई भरी पंक्तियां लिखकर अपने अध्यापकों, मित्रों को देने का उत्साह अलग ही दिखाई देता था, जो धीरे-धीरे मोबाइल की उपयोगिता के साथ-साथ बिल्कुल खत्म हो गया है।

देवेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि नववर्ष के आगमन पर प्रत्येक व्यक्ति को अपने करीबी, रिश्तेदार व शुभचिन्तक के यहाँ से डाक द्वारा ग्रीटिंग कार्ड आने का उत्सुकता से इन्तजार रहता था, क्योंकि उस समय लोग अपने सबसे करीबी व्यक्ति या रिश्तेदार को ग्रीटिंग भेजना जिम्मेदारी समझते थे और नववर्ष के एक पखवारा तक डाकिया बधाईयों का सन्देशवाहक होता था।

कन्हैया कुमार ने कहा कि मोबाइल के बढते कदमों ने ग्रीटिंग कार्ड की दुनिया को विलुप्त कर दिया है। आज की नई पीढी शुभकामनाओं के इस सन्देश पत्र ग्रीटिंग कार्ड व उनके चलन से पूरी तरह अनभिज्ञ है। विज्ञान की दौड और परिवर्तन के चक्र ने ग्रीटिंग कार्ड को व्हाट्सअप सन्देश में तब्दील कर दिया है।

Share This
spot_img
अपनी खबर या कोई समस्या इटावा लाइव पर निशुल्क प्रकाशित करने हेतु हमें Whatsapp - 7017070200, Email – etawah.news@gmail.com पर जरुर भेंजें।

Read more

वोट करें

हमारा इटावा

पि‍लुवा महावीर मंदिर – बालरूप में लेटी हुई है हनुमान जी की प्रति‍मा

इटावा शहर से लगभग 8 कि‍मी  दूर पश्‍ि‍चम की ओर कचौरा घाट  रोड पर  यमुना नदी के कि‍नारे  रूरा गांव के पास दक्षि‍ण मुखी...

शिक्षाविद

कैलाश चंद्र यादव: नव युग के शिक्षा क्रांतिकारी का प्रेरणादायक सफ़र

कैलाश चंद्र यादव एक प्रख्यात शिक्षाविद् हैं जो पानकुंवर इंटरनेशनल स्कूल, मानिकपुर मोड, ग्वालियर बाईपास, इटावा और पानकुंवर इंटरनेशनल स्कूल, सराय दयानत के प्रबंधक...

राजनीतिज्ञ

संघ के संस्कारों के साथ 55 वर्षों से राष्ट्रभक्ति की अखंड ज्योति थामें डॉ० रमाकान्त शर्मा

डॉ० रमाकान्त शर्मा का जन्म 17 नवम्बर 1957 को में हुआ। उनका बचपन ग्रामीण परिवेश में बीता, जहाँ सादगी, संस्कार और परिश्रम का संगम...

प्रशासनिक अधिकारी

जनता के साथ खड़े रहने वाले जिलाधिकारी इटावा शुभ्रांत कुमार शुक्ल(IAS)

शुभ्रांत कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी 1970 को उत्तर प्रदेश के बहराइच जनपद में हुआ। प्रारम्भिक जीवन से ही वे अध्ययन में अत्यंत...

प्रमुख संस्थान

लीडर्स इंटरनेशनल स्कूल-आपके बच्चे के सपनों को साकार करने का सही स्थान

लीडर्स इंटरनेशनल स्कूल, बालेश्वर विकास कॉलोनी, फेस 1, मानिकपुर मोड़, इटावा में स्थित, आधुनिक शिक्षा और समग्र विकास का एक उत्कृष्ट केंद्र है। यहां...

चिकित्सक

डॉ. सतेन्द्र सिंह यादव: सेवा संकल्प के साथ चिकित्सा के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान

स्वास्थ्य हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है और हम अगर एक ऐसे व्यक्ति की बात करें जो स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अपनी अद्वितीय...

चर्चित व्यक्तिव

शब्दों के जादूगर स्व. व्रजेंद्र गौड़ का इटावा से फिल्मी दुनिया में फिल्मफेयर तक का सफ़र

व्रजेंद्र गौड़ का जन्म 1 अप्रैल 1925 को उत्तर प्रदेश के इटावा में हुआ। वे हिंदी सिनेमा के एक प्रतिभाशाली पटकथा और संवाद लेखक...

पत्रकार

पत्रकारिता के मजबूत स्तंभ – बीरेश मिश्रा

बीरेश मिश्रा का जन्म जुलाई 1972 में मूंज गांव, इटावा में हुआ, जो इटावा से फर्रुखाबाद जाने वाली सड़क पर उत्तर पूर्व की ओर...

टॉप आर्टिकल्स

शरद तिवारी की अनमोल सेवा, लावारिस शवों को दिलाई गरिमामयी विदाई

शरद तिवारी: एक समर्पित समाजसेवी इटावा में शरद तिवारी का नाम समाज सेवा और मानवता के प्रति उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए जाना जाता है।...

व्यवसायी

उर्मिला शाक्य: “द लेडी कैफे” की प्रबंधक एवं ब्यूटी वेलनेस सेवाओं की अग्रणी विशेषज्ञ

उर्मिला शाक्य इटावा के बेहतरीन ब्यूटी सलून "The Lady Cafe- Makeup Studio, Salon and Academy"  की प्रबंधक हैं। वह ब्यूटी और वेलनेस सेवाओं में...

समाजसेवी

गौरैया की चहचहाहट में जीवन खोजती एक शिक्षिका : डॉ. सुनीता यादव

डॉ॰ सुनीता यादव का जन्म 21 जून 1976 को मैनपुरी जनपद के ग्राम अण्डनी, करहल में हुआ। पिता स्वर्गीय रामनारायण यादव, जो करहल के...

पूर्व अधिकारी