विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की अंतिम तिथि नज़दीक आती जा रही है और इसके साथ ही राजनीतिक दलों की सक्रियता भी स्पष्ट रूप से सामने दिखाई दे रही है। इटावा में SIR को लेकर इस बार सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। जिले में मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस का मजबूत आधार माना जाता है, ऐसे में SIR की प्रक्रिया को लेकर इन दलों की गंभीरता पर भी लोगों की नजर बनी हुई है।
अगर अब तक के SIR में राजनीतिक दलों की सहभागिता की बात की जाए तो समाजवादी पार्टी सबसे अधिक सक्रिय दिखाई दी। चाहे सोशल मीडिया की गतिविधियाँ हों या प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की उपस्थिति, समाजवादी पार्टी का संगठन लगातार जागरूकता अभियान में लगा रहा। प्रतिदिन संगठन की ओर से प्रकाशित जानकारी और जनसंपर्क ने SIR को लेकर जनता में उत्साह पैदा किया।
वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी का संगठन इस प्रक्रिया में कमजोर प्रदर्शन करता नजर आया। सोशल मीडिया पर अपेक्षित गंभीरता का अभाव साफ दिखा और न ही प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बीजेपी संगठन की मजबूत भागीदारी देखने को मिली।
उल्टा, भारतीय जनता पार्टी के अधिकांश जिम्मेदार लोग SIR जैसे महत्वपूर्ण अभियान से अधिक शादी-विवाह, जन्मदिन समारोह और निजी आयोजनों में व्यस्त दिखाई दिए। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि संगठन की इस उदासीनता का असर आगे आने वाली राजनीतिक परिस्थितियों और जनता की धारणा पर स्पष्ट रूप से पड़ सकता है।

