IAPSCON 2025, पुरी में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में UPUMS के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुरवेश कुमार गुप्ता ने संस्थान का प्रभावशाली प्रतिनिधित्व करते हुए अपना अभिनव शोध प्रस्तुत किया। उनका शोध “ग्लिसरीन-भीगा बैंडेज ड्रेन: नवजात शिशुओं में रेक्टल प्रोलैप्स के लिए एक नई गैर-शल्य तकनीक” शीर्षक से चर्चा का केंद्र बना।

डॉ. गुप्ता के इस महत्वपूर्ण एवं उपयोगी शोध को सम्मेलन में बेस्ट पेपर अवॉर्ड (कंसल्टेंट कैटेगरी) से सम्मानित किया गया, जिसने UPUMS की सुरक्षित, प्रभावी और न्यूनतम हस्तक्षेप वाली नवजात देखभाल के प्रति प्रतिबद्धता को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया।
शोध के आधार पर बाल शल्य चिकित्सा विभाग और बाल रोग विभाग द्वारा संयुक्त रूप से नवजात रेक्टल प्रोलैप्स के उपचार हेतु एक विशेष उपकरण भी विकसित किया गया है, जिसे अब आधिकारिक पेटेंट प्राप्त हो चुका है। यह उपलब्धि बाल शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नवाचार मानी जा रही है।
इस शोध कार्य में योगदान देने वाले संकाय सदस्य हैं:– डॉ. रफ़े अब्दुल रहमान, डॉ. सुरवेश कुमार गुप्ता, डॉ. गणेश वर्मा, डॉ. मुनीबा आलिम|
यह उल्लेखनीय सफलता संस्थान के शोध-आधारित उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य परिणामों में सुधार लाने के मिशन को और सुदृढ़ करती है।

