इटावा की पहचान सिर्फ उसकी ऐतिहासिक धरोहरों या जनप्रतिनिधियों से नहीं, बल्कि उसकी मिठास से भी है, और इस मिठास का सबसे प्रामाणिक नाम है “श्री बल्देव प्रसाद सुरेश यादव मिष्ठान भण्डार”। पिछले 100 वर्षों से यह प्रतिष्ठान न केवल स्वाद का प्रतीक रहा है, बल्कि शुद्धता, परंपरा और विश्वास की एक जीवंत मिसाल भी बना हुआ है। देशी घी की मनमोहक सुगंध, पारंपरिक स्वाद की गहराई और ग्राहकों के दिलों में अटूट भरोसा — इन तीनों का संगम इस प्रतिष्ठान को इटावा का अभिमान बनाता है। यहाँ की हर मिठाई में सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि एक सदी की मेहनत, परिश्रम और अपनापन घुला हुआ है।
इस मिष्ठान भण्डार की नींव रखी थी स्वर्गीय श्री बल्देव प्रसाद जी ने। जब उन्होंने अपने हाथों से पहली बार देशी घी में मिठाई तैयार की थी, तब उन्होंने शायद यह नहीं सोचा होगा कि एक दिन उनका यह प्रयास इटावा की पहचान बन जाएगा। लेकिन उनकी निष्ठा, ईमानदारी और स्वाद के प्रति लगन ने उनकी मिठाइयों को वह पहचान दी, जो सौ वर्षों बाद भी वैसी ही चमक रखती है।
श्री बल्देव प्रसाद जी के पुत्र श्री सुरेश यादव ने अपने पिता के सपनों को साकार करते हुए इस प्रतिष्ठान की विरासत को न केवल संभाला, बल्कि उसे नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उन्होंने यह सिद्ध किया कि परंपरा और आधुनिकता का संगम संभव है — बस निष्ठा और गुणवत्ता का साथ होना चाहिए। सुरेश यादव जी के हाथों की बनी मिठाइयाँ आज भी हर दिल में बसती हैं। चाहे वह सोहन पापड़ी, बालूशाही, मोतीचूर का लड्डू, काजू की बर्फी, डोडा बर्फी, मेवा बाटी, पेड़ा, मूंग दाल की बर्फी, कलाकंद, मिल्क केक, गोंद का लड्डू, पिन्नी, बेसन लड्डू या ड्राई फ्रूट्स का लड्डू हो — हर मिठाई में उनके अनुभव, समर्पण और सच्चे प्रेम की मिठास घुली हुई है।
अब जब तीसरी पीढ़ी शरद यादव, विकास यादव, और विक्रम यादव — इस प्रतिष्ठान को आगे बढ़ा रही है, तो इसमें आधुनिकता का संगम भी जुड़ गया है। उन्होंने न सिर्फ दुकान की साज-सज्जा को नया रूप दिया, बल्कि ग्राहक सेवा, पैकेजिंग और स्वच्छता के स्तर को भी नया आयाम दिया। उनके नेतृत्व में यह मिष्ठान भण्डार परंपरा और प्रोफेशनलिज़्म दोनों का सुंदर मेल बन गया है।
इटावा में दो प्रमुख शाखाएँ — एक तहसील के सामने बल्देव चौराहा और दूसरी शास्त्री चौराहा, बाबा द मॉल पिक्चर हॉल के नीचे — हर रोज़ सैकड़ों ग्राहकों की मिठास भरी मुस्कान का गवाह बनती हैं। सुबह से शाम तक ताज़ी मिठाइयों की महक, ग्राहकों की भीड़ और “भइया, वो वाली मिठाई देना” जैसी आवाज़ें इस दुकान के हर कोने को जीवंत बनाती हैं।
यहाँ की मिठाइयाँ सिर्फ स्वाद का नहीं, बल्कि भावनाओं का प्रतीक हैं। एक नवविवाहित जोड़ा जब अपने पहले त्योहार के लिए मिठाई लेने आता है, तो वह यहीं से शुरू करता है। जब कोई परिवार दशकों बाद मिल बैठता है, तो मिठाई की प्लेट पर यही नाम लिखा होता है। और जब किसी का प्रियजन दूर शहर से लौटता है, तो घर के स्वागत में सबसे पहले यही मिठाई रखी जाती है।
इस प्रतिष्ठान की सबसे बड़ी पहचान है “शुद्ध देशी घी से बनी मिठाइयाँ”। आज के समय में जब बाजार में मिलावट आम हो गई है, तब भी इस दुकान ने अपनी गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं किया। यही कारण है कि आज भी बुजुर्ग कहते हैं — “अगर मिठाई खानी है, तो बल्देव प्रसाद की मिठाई ही खाओ — असली स्वाद वहीं मिलेगा।”
त्योहारों के मौसम में यहाँ का नज़ारा देखने लायक होता है। चाहे दीवाली के दीप जल रहे हों या होली के रंग बिखरे हों, इस मिष्ठान भण्डार पर सुबह से ही भीड़ लग जाती है। बच्चे अपने पसंदीदा रसगुल्ले का इंतज़ार करते हैं, बुजुर्ग पुराने जमाने की बालूशाही मांगते हैं, और माताएँ थाल में पेड़े और लड्डू सजाकर घर जाती हैं। हर कोई कहता है — “इस मिठाई में घर की बात है।”
यह प्रतिष्ठान सिर्फ व्यापार नहीं करता, यह संबंध बनाता है। “श्री बल्देव प्रसाद सुरेश यादव मिष्ठान भण्डार” ने न केवल स्वाद दिया, बल्कि इटावा की संस्कृति और परंपरा को सहेजने का कार्य भी किया। यह वह स्थान है जहाँ मिठाई के साथ सम्मान, परिश्रम और परिवार की एकता का स्वाद भी मिलता है। हर ग्राहक यहाँ से सिर्फ मिठाई नहीं, बल्कि एक कहानी, एक अनुभव लेकर जाता है।
अगर आप इटावा के हैं — तो आपने निश्चित ही यहाँ की मिठाइयाँ चखी होंगी। और अगर नहीं — तो अगली बार इटावा आएँ,
“श्री बल्देव प्रसाद सुरेश यादव मिष्ठान भण्डार” की मिठास का स्वाद ज़रूर लें।
श्री बल्देव प्रसाद सुरेश यादव मिष्ठान भण्डार
पता — तहसील के सामने, बल्देव चौराहा, इटावा
दूसरी शाखा — शास्त्री चौराहा, बाबा द मॉल पिक्चर हॉल के नीचे
सुरेश यादव – 8445555557
शरद यादव – 8475039999
विकास यादव – 9219191046
विक्रम यादव – 9219186281
“श्री बल्देव प्रसाद सुरेश यादव मिष्ठान भण्डार” — स्वाद, जो पीढ़ियों से भरोसे में पगा है।