बकेवर थाना क्षेत्र के बिजौली गांव में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब मकान के अंदर दीवार से सटी सीढ़ी पर लगभग 5 फीट लंबा खतरनाक स्पेक्टिकल कोबरा लटका हुआ दिखाई दिया। यह सांप सीढ़ी से ऊपर जीने की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहा था। किसान शिवम दुबे ने जब कमरे में रखी चारपाई पर लेटने की कोशिश की तो उनकी नजर अचानक इस सांप पर पड़ी। घबराए शिवम तुरंत कमरे से बाहर निकल आए और सहायता के लिए वन्यजीव विशेषज्ञ व सर्पमित्र डॉ. आशीष त्रिपाठी को सूचना दी।
सूचना मिलते ही डॉ. आशीष मौके पर पहुंचे और कोबरा का सुरक्षित रेस्क्यू किया। बाद में इसे सामाजिक वानिकी विभाग इटावा के दिशा-निर्देशन में प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया गया। नगर पालिका परिषद इटावा के स्वच्छता, वन्यजीव, पर्यावरण एवं आपदा प्रबंधन के ब्रांड एंबेसडर डॉ. आशीष ने ग्रामीणों को बताया कि यह अत्यंत विषैला स्पेक्टिकल कोबरा है जिसका वैज्ञानिक नाम *नाजा नाज़ा* है।
उन्होंने लोगों को समझाया कि कोबरा सांप में बेहद खतरनाक न्यूरोटॉक्सिक वेनम होता है। इसके काटने के बाद रोगी को तेज दर्द और सूजन होती है और यदि एक घंटे के भीतर एंटीवेनम न दिया जाए तो उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
सर्पदंश के सुरक्षित इलाज के लिए जिला अस्पताल इटावा के इमरजेंसी वार्ड (कमरा नंबर 3) और सैफई आयुर्विज्ञान संस्थान की इमरजेंसी में सुविधाएं उपलब्ध हैं। डॉ. आशीष ने बताया कि सर्पदंश होने पर तत्काल ओशन संस्था द्वारा संचालित नि:शुल्क स्नेक बाइट हेल्पलाइन 7017204213 पर संपर्क किया जा सकता है। सांप के काटे गए निशान की साफ तस्वीर व्हाट्सएप पर भेजने से इलाज और भी सटीक हो सकेगा।
उन्होंने बरसात के मौसम में ग्रामीणों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी। रात में घर के दरवाजों के नीचे कपड़ा या बोरी लगाकर सोने, खिड़कियां बंद रखने या उन पर जालियां लगाने, बिस्तर व जूतों की जांच कर प्रयोग करने तथा छत या बाहर सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करने की अपील की। साथ ही उन्होंने कहा कि सर्पदंश होने पर घबराएं नहीं, क्योंकि कोबरा और करैत को छोड़कर अधिकांश सांप विषहीन होते हैं।