भारत विकास परिषद समर्पण शाखा ने एक अनूठी पहल करते हुए रविवार को 9 निर्धन और बेसहारा कन्याओं का सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया। यह आयोजन समाज में बदलाव की एक नई दिशा दिखाता है, जिसमें गरीब कन्याओं की खुशियों का ध्यान रखते हुए उनकी शादी का सामूहिक आयोजन किया गया। यह समारोह हाइवे चौराहे के पास स्थित एक भव्य मैरिज होम में आयोजित किया गया।
समारोह की शुरुआत रविवार की सुबह 10 बजे हुई। इस दौरान 9 दूल्हे घोड़ियों और रथों पर सवार होकर कलगी और साफा पहने हुए दिखाई दिए। यह दृश्य बहुत ही आकर्षक था, जिसमें दूल्हे अपने पारंपरिक परिधानों में सजे हुए थे और सभी के चेहरे पर खुशी और उत्साह साफ नजर आ रहा था। बारात बैंड-बाजों की धुनों के साथ बड़ी धूमधाम से वडा चौराहा होते हुए बस स्टैंड तक पहुंची, जहां नगरवासियों ने बारात का स्वागत किया।
बारात जब विवाह स्थल पर पहुंची तो नगरवासियों ने जगह-जगह फूलवर्षा करके उनका जोरदार स्वागत किया। यह स्वागत सभी के दिलों को छूने वाला था, जहां सामूहिक विवाह के इस आयोजन को लेकर हर कोई बहुत खुश था। इस तरह का आयोजन न केवल समाज की एकता को प्रगति की ओर बढ़ाता है, बल्कि गरीब परिवारों को एक नई उम्मीद भी देता है।
भारत विकास परिषद समर्पण शाखा के सदस्यों ने इस सामूहिक विवाह में दान और दहेज देकर कन्याओं की विदाई को और भी सम्मानजनक बनाया। संस्था द्वारा दिए गए इस योगदान ने कन्याओं के परिवारों के लिए एक राहत का काम किया। साथ ही, यह पहल समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ एक मजबूत संदेश देने वाली रही।
समारोह में कन्याओं के परिवारों के चेहरों पर खुशी और संतोष था। इस आयोजन से जहां एक ओर गरीब परिवारों को अपनी बेटियों के विवाह के लिए आर्थिक सहायता मिली, वहीं दूसरी ओर समाज में एकता और सहयोग का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत हुआ। यह पहल समाज के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है और भारत विकास परिषद समर्पण शाखा द्वारा आयोजित यह सामूहिक विवाह समारोह एक नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि जब समाज मिलकर काम करता है तो किसी भी समस्या का समाधान संभव है।