सैफई स्थित उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में एक अनूठा और संवेदनशील मामला सामने आया है। यहां ऑर्थोपेडिक्स विभाग में पिछले छह महीनों से चार अज्ञात महिला मरीज भर्ती हैं, जो अब पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी हैं, लेकिन अपने परिवार या घर के बारे में कोई जानकारी नहीं दे पा रही हैं।
विभागाध्यक्ष डॉक्टर सुनील कुमार के अनुसार, ये महिलाएं गंभीर रूप से घायल अवस्था में अलग-अलग समय पर अस्पताल लाई गई थीं। चिकित्सकों ने तत्काल इलाज शुरू कर इनकी जान बचाई। हालांकि, अस्पताल में सीमित बेड की उपलब्धता के कारण अन्य मरीजों के भर्ती होने में कठिनाई हो रही है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन इन महिलाओं की पूरी देखभाल कर रहा है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन मरीजों के परिजनों की तलाश में आसपास के जिलों में सूचना भेजी है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर डॉक्टर एसपी ने जनता से अपील की है कि यदि किसी को इन मरीजों के बारे में कोई जानकारी हो तो वे तुरंत प्रशासन से संपर्क करें।
वर्तमान में इन महिलाओं की देखभाल इमरजेंसी ट्रामा की तीसरी मंजिल पर स्थित ऑर्थोपेडिक्स महिला वार्ड में नर्सिंग ऑफिसर इंचार्ज रीमा चौधरी और मीनाक्षी की देखरेख में की जा रही है। अस्पताल का स्टाफ इन मरीजों की साफ-सफाई, दवाइयों और भोजन-पानी का पूरी संवेदनशीलता से ध्यान रख रहा है, जो मानवीय मूल्यों की सर्वोच्चता को दर्शाता है।