नगर में बाल श्रम उन्मूलन अभियान के तहत 5 बाल श्रमिकों को रेस्क्यू किया गया। प्रशासन ने इन बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना व स्पॉन्सरशिप स्कीम से जोड़ने की पहल की है, ताकि उन्हें शिक्षा और आर्थिक सहायता मिल सके। इसके साथ ही संबंधित प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी कर सख्त चेतावनी दी गई है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी सूरज सिंह के निर्देश पर गठित टीम में बाल संरक्षण अधिकारी सोहन गुप्ता, श्रम प्रवर्तन अधिकारी अतुल कुमार श्रीवास्तव, एएचटीयू प्रभारी दिवाकर सरोज, सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम कुमार शाक्य, थाना कोतवाली भरथना से एसआई राजेश कुमार, कांस्टेबल मोहन सिंह और रुद्र प्रताप शामिल रहे। अभियान के दौरान टीम ने जवाहर रोड स्थित एक होटल में काम कर रहे एक बाल श्रमिक को रेस्क्यू किया, जबकि दूसरा बैग की दुकान पर कार्यरत मिला।
टीम ने इसके बाद मुख्य बाजार का निरीक्षण किया, जहां एक रेडीमेड कपड़ों की दुकान पर एक बाल श्रमिक काम करता पाया गया। इसके अलावा, रेलवे स्टेशन के पास घूम रहे बच्चों को जागरूक किया गया। वहीं, रेलवे फाटक के निकट स्थित एक मिठाई-नाश्ते की दुकान पर दो और बाल श्रमिक मिले, जिन्हें तुरंत रेस्क्यू कर लिया गया। साथ ही, मुख्य बाजार और मोतीगंज के मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी कर बच्चों के लिए प्रतिबंधित दवाओं की जांच भी की गई।
बाल संरक्षण अधिकारी सोहन गुप्ता ने बताया कि बाल श्रम उन्मूलन अभियान जिलेभर में जारी है। रेस्क्यू किए गए बच्चों को स्थानीय विद्यालयों में प्रवेश दिलाने और आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
प्रशासन ने बाल श्रम कानून के तहत सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है और प्रतिष्ठानों से अपील की है कि वे नाबालिग बच्चों को रोजगार न दें। इस तरह के निगरानी अभियान लगातार जारी रहेंगे ताकि बाल श्रम पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जा सके।

