कभी क्षेत्र के सैकड़ों गांवों के लिए जीवनरेखा मानी जाने वाली सिरसा नदी अब धीरे-धीरे दम तोड़ती जा रही है। नदी के चारों ओर सिल्ट, खरपतवार और जलमंजनी फैली हुई है, जिससे यह नदी अब एक गंदे नाले में तब्दील हो चुकी है। इसका परिणाम यह हो गया है कि कस्बे में रहने वाले लोगों के लिए यह नदी एक बड़ी समस्या बन गई है।
सिरसा नदी कस्बे के बीच से होकर गुजरती है, लेकिन नदी में गंदा और बदबूदार पानी भरा होने से आसपास के घरों में रहना मुश्किल हो गया है। क्षेत्र के लोग कई बार नदी की सफाई कराने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
कस्बे के किसानों का कहना है कि अगर सिरसा नदी का पुनर्जीवन किया जाए तो क्षेत्र की पानी की समस्या हल हो सकती है। सिंचाई के लिए किसानों को पानी उपलब्ध रहेगा और भूजल स्तर भी तेजी से ऊपर उठेगा। हालांकि, नदी में पानी कम होने के बाद से आसपास के लोग कूड़ा-कचरा डालने लगे हैं, जिससे नदी की स्थिति और भी बदतर हो गई है।
क्षेत्र के लोग और किसान इस बात पर जोर दे रहे हैं कि अगर नदी की सफाई कराई जाए और उसे फिर से जलमग्न किया जाए तो यह क्षेत्र के लिए एक बड़ा वरदान साबित हो सकता है, क्योंकि यह न केवल जल संकट को दूर करेगा, बल्कि पर्यावरण को भी फायदा पहुंचेगा।