सैफई, इटावा: गोगाजाहर बीर मंदिर नगला बाबा सैफई में पारस्परिक संबंधों की प्रगाढ़ता विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मानव कल्याण सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगरामाचार्य ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों और विघटनकारी प्रवृत्तियों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज जाति, वर्ग, और धर्म के नाम पर समाज में लोगों को बांटा जा रहा है। उन्होंने इस प्रवृत्ति को नफरत फैलाने और परिवारों को तोड़ने का एक षड्यंत्र बताया।
जगरामाचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान को भी अब बांटने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे समाज में कलह और द्वेष का वातावरण बन रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस नफरत के जहर का परिणाम परिवारों के बिखरने और आपसी संबंधों के टूटने के रूप में सामने आ रहा है। यहां तक कि पति-पत्नी के रिश्ते भी इन कुरीतियों से अछूते नहीं रहे।
उन्होंने भारतीय संस्कृति को समाप्त करने के प्रयासों की ओर इशारा करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति को कमजोर करके राष्ट्र को गुलाम बनाने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि विभिन्न टीवी धारावाहिकों और फिल्मों के माध्यम से सास-बहू के झगड़े, देवरानी-जिठानी की कलह, और पिता-पुत्र के विवाद को बढ़ावा देकर हमारे जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया जा रहा है।
जगरामाचार्य ने सुझाव दिया कि हमें आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए एकजुटता की पहल करनी चाहिए। चाहे वह सत्संग, पूजा-अर्चना, या एक साथ भोजन के माध्यम से हो, हमें एक साथ बैठने और संवाद करने की परंपरा को पुनर्जीवित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से रिश्तों में मधुरता आएगी और परिवारों में खुशहाली लौटेगी।
कार्यक्रम में मानव कल्याण सेवा समिति के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजबहादुर ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने भारतीय संस्कृति की समृद्धि और पुरानी परंपराओं का उल्लेख करते हुए बताया कि आर्थिक तंगी के बावजूद हमारे पूर्वज सुख और शांति के साथ जीवन व्यतीत करते थे। उन्होंने पुरानी यादों को ताजा कर समाज को अपनी जड़ों से जुड़ने का संदेश दिया।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता श्मशान गिरि महंत मुक्तेश्वर धाम सैफई ने की। साथ ही, गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद कुमार, राष्ट्रीय महासचिव जगदीश सिंह, शिवशंकर यादव, अभिलाष शास्त्री, दिनेश शास्त्री, सत्यराम यादव, और यशपाल यादव ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम के आयोजक शिवराखन यादव ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस संगोष्ठी ने समाज में आपसी सौहार्द और संबंधों की मजबूती के लिए एक नई दिशा देने का प्रयास किया।