चकरनगर के बीआरसी सभागार में प्रधानाध्यापकों और ग्राम प्रधानों के लिए एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों और ग्राम प्रधानों के बीच समन्वय बढ़ाना और विद्यालयों के सर्वांगीण विकास के लिए रणनीति तैयार करना था।
खंड शिक्षा अधिकारी सिवेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में प्रधान गडैया ने कहा कि शिक्षकों का दर्जा सबसे ऊंचा होता है। शिक्षकों को छात्रों को संस्कारवान बनाना चाहिए और उन्हें सही मार्गदर्शन देना चाहिए क्योंकि यही बच्चे देश का भविष्य हैं।
जिला समन्वयक मनोज सिंह धाकरे ने कहा कि विद्यालयों में होने वाले निर्माण कार्यों के लिए ग्राम प्रधानों का विशेष सहयोग होता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक बाहर से आकर गांव में शिक्षण कार्य करते हैं जबकि प्रधान उसी गांव के होते हैं, इसलिए दोनों का आपसी सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे हमारे ही हैं और हमें मिलकर उनके सर्वांगीण विकास के लिए प्रयास करने चाहिए।
बीईओ सिवेश कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई प्रतिभाएं छिपी होती हैं। बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद के लिए भी प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने बताया कि चकरनगर के टिटावली और कायछी के विद्यालयों के छात्रों ने मंडल स्तर पर पढ़ाई में प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि अन्य शिक्षकों को भी इन शिक्षकों से सीख लेनी चाहिए।