आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को दिए जाने वाले पोषाहार पंजीरी की गुणवत्ता में जल्द ही सुधार देखने को मिलेगा। इसके लिए लखनऊ की एनजीओ पीसीआई की टीम ने गुरुवार को ताखा ब्लॉक में घर-घर जाकर सर्वेक्षण शुरू किया। इस सर्वे का उद्देश्य पंजीरी की कमियों को समझना और उसे अधिक पौष्टिक और स्वादिष्ट बनाना है ताकि बच्चे इसे चाव से खा सकें।
एनजीओ टीम सुपरवाइजर शिवशंकर पांडेय के नेतृत्व में यह सर्वे ताखा ब्लॉक के खरगुआ, नगला तार, मामन, नगला खलक, और बहादुरपुर पचार गांवों में किया जा रहा है। टीम घर-घर जाकर आंगनबाड़ी केंद्रों पर वितरित पंजीरी के स्वाद, गुणवत्ता, और पोषण स्तर के बारे में महिलाओं और अभिभावकों से जानकारी जुटा रही है। पंजीरी में स्वाद की कमी के कारण बच्चों के इसे न खाने की समस्या को समझा जा रहा है।
शिवशंकर पांडेय ने बताया कि एनजीओ प्रदेश के 45 जिलों में यह सर्वेक्षण कर रही है। बड़े जिलों में 2-3 ब्लॉकों को चुना गया है, लेकिन इटावा में केवल ताखा ब्लॉक को शामिल किया गया है। सर्वे से प्राप्त जानकारियों को उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट के रूप में भेजा जाएगा। शासन का उद्देश्य पंजीरी को स्वादिष्ट और पौष्टिक बनाना है ताकि इसे बच्चे आसानी से खाएं और कुपोषण से बचा जा सके। आने वाले दिनों में पंजीरी की गुणवत्ता में सुधार देखने को मिलेगा।
यह पहल पोषण योजना को सशक्त बनाने और बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।