केन्द्र एंव उत्तर प्रदेश मे मंत्री रह चुके बलराम सिंह यादव (कांग्रेस) के राजनीतिक जीवन का स्वर्णिम अवसर था 1980 का जसवंतनगर विधानसभा चुनाव, जब कांटे के संघर्ष में अपने कट्टर राजनैतिक प्रतिद्वन्दी मुलायम सिंह यादव(लोकदल) को हराया था। इटावा जनपद के ग्राम खरगपुर सरैया में महेन्द्र सिंह यादव के बड़े पुत्र के रूप में 22 अप्रैल 1939 को हुआ। इएटरमीडिएट तथा स्नातक की पढ़ाई इटावा में करने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से वकालत की शिक्षा ग्रहण की। 22 मई 1955 को कृष्णा देवी से हुआ। 1960 में सहकारिता आंदोलन से सक्रिय रूप से जुड़े। 1962 से 1970 तक जिला विकास संघ लि0 इटावा एंव 1964 से 1970 तक जिला सहकारी बैंक लि0 इटावा के निदेशक पद पर रहे।
जनपद की भरथना विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 1969 में विधायक चुने जाने के बाद बलराम सिंह यादव को उत्तर प्रदेश की चन्द्रभान गुप्त सरकार में उपमंत्री बनने का सौभाग्य पहलीबार प्राप्त हुआ। वर्ष 1980 में जसवन्तनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने के बाद 1984 तक उत्तर प्रदेश सरकार में 16 विभागों के कैबिनेट मंत्री रहे। 1984 में हुये लोकसभ चुनाव में वह मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतने में सफल रहे। इसी दौरान 1984 से 1988 तक पहले उ0 प्र0 कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे फिर 1988 से 1990 तक अध्यक्ष रहे। 1990 में राज्य सभा सदस्य चुने गये। 1991 में बनी केन्द्र की तत्कालीन नरसिंह राव सरकार में खान राज्य मंत्री रहे और 1996 तक इस पद कायम रहे।
कांग्रेस से मोह भंग होने पर बलराम सिंह 1998 में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये और उन्हे पार्टी का राष्टीय महासचिव ही नहीं बनाया गया बल्िक पार्टी ने उन्हें इसी वर्ष हुये लोकसभा चुनाच में मैनपुरी से प्रत्याशी घोषित और वह चुनाव जीतने में भी सफल रहे। एक वर्ष बाद 1999 में हुये लोक सभा चुनाव में बलराम सिंह फिर से मैनपुरी से चुनाव लड़े और विजयी रहे, लेकिन 2004 में हुये लोकसभा चुनाव में बलराम सिंह यादव ने पार्टी बदल कर चुनाव और इस बार पार्टी थी भारतीय जनता पार्टी तो सामने थे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, लेकिन इसमें जीत मिली मुलायम सिंह यादव को। 4 जुलाई 2005 को बलराम सिंह यादव का निधन हो गया।