Saturday, December 13, 2025

जैन मुनि प्रतीक सागर महाराज ने दिए प्रवचन

Share This

जसवंतनगर: मोहल्ला लुधपुरा में पधारे जैन समाज के क्रांतिकारी संत मुनि 108 प्रतीक सागर जी महाराज ने अपने प्रवचनों द्वारा जैन अनुयायियों को उपदेश देकर कहा है कि जियो और जीने दो।
इस देवेंद्र कुमार जैन, मौके पर प्रदीप कुमार जैन, मुकेश कुमार जैन, पिंटू जैन आदि मौजूद थे।

क्रांतिकारी संत मुनि 108 प्रतीक सागर जी महाराज जी बताते है कि हर घर मेें एक मां होती है। जब बच्चा जन्म लेता है तो सबसे पहले मां बोलता है। उसके बाद उसकी प्रथम पाठशाला मां की गोद होती है। जहां वह सभ्यता, संस्कार व संस्कृति को अपनाता है और उसी वातावरण में ढलता है। इसलिए मां को सर्वोपरि स्थान दिया गया है। उन्होंने व्यक्ति के संबंध व संपर्क में अंतर बताते हुए कहा कि संबंध बने रहने पर व्यक्ति अपने आप खुद आता है। चाहे वह पारिवारिक हो या ईश्वरीय या रिश्तेदारी का। लेकिन संपर्क में व्यक्ति बुलाने पर ही आता है। संबंध जैसे दूध व पानी की तरह होना चाहिए। संपर्क सदैव दूध व तेल की तरह होता है। हमारे आपसी संबंधों में या ईश्वरीय संबंधों में तीर्थ जैसी पवित्रता और शुद्धता होती है तो वहां महावीर जैसा श्रीराम जैसा वीर पुरुष पैदा होता है। वर्तमान संस्कृति को बर्बाद करने के लिए पाश्चात्य संस्कृति हमला कर रही है। हमें सदैव पाश्चात्य संस्कृति से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम आज मकान बनाते हैं घर नहीं। घर तो बसााय जाता है। हर जीव मात्र को हर क्षण प्रेम करना चाहिए। हर व्यक्ति के प्रति हमारे मन में प्रेम होना चाहिए।

Share This
Desk Etawah Live
Desk Etawah Livehttps://etawahlive.com/
इटावा से जुडी ख़बर हमें भेंजें, Email - etawah.news@gmail.com, Mob :- 7017070200
spot_img
अपनी खबर या कोई समस्या इटावा लाइव पर निशुल्क प्रकाशित करने हेतु हमें Whatsapp - 7017070200, Email – etawah.news@gmail.com पर जरुर भेंजें।

Read more

वोट करें

हमारा इटावा

दि‍लों पर राज करती है जनपद प्रदर्शनी, फुव्वारा है ‘हृदय स्थल’ यहां होता है बि‍छड़ों का मि‍लन

शताब्‍दी वर्ष भी मना चुकी है प्रदर्शनी इटावा जनपद की संस्‍कृति‍ से जुड़ी जनपद प्रदर्शनी अपने जीवन के एक सौ वर्ष पूरे कर चुकी है।...

शिक्षाविद

इटावा में शिक्षा को संस्कार और आधुनिक सोच के साथ आगे बढ़ा रहे शिखर चतुर्वेदी

इटावा की धरती ने सदैव ऐसे प्रेरक व्यक्तित्व दिए हैं जिन्होंने शिक्षा, संस्कृति और समाज को नई दिशा दी। इन्हीं में एक नाम है...

राजनीतिज्ञ

सुबोध तिवारी: इटावा के एक प्रख्यात राजनीतिज्ञ और वरिष्ठ स्वयंसेवक

सुबोध तिवारी का जन्म 1 मई, 1965 को उत्तर प्रदेश के जसवंतनगर, इटावा में हुआ। उनके पिता का नाम स्व. श्री रामानंद तिवारी और...

प्रशासनिक अधिकारी

अभिनव रंजन श्रीवास्तव एक प्रभावी प्रशासनिक अधिकारी और कुशल टीम प्रबंधक

उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक सेवा में अपनी कड़ी मेहनत और उत्कृष्ट प्रदर्शन से पहचान बनाने वाले इटावा के अपर जिलाधिकारी अभिनव रंजन श्रीवास्तव आज...

प्रमुख संस्थान

स्वास्थ्य और शुद्धता की गारंटी शिवम डेरी फार्म इटावा का टुडेज स्पेशल बिलोना घी

भारत में घी को शुद्धता और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है, और जब यह घी पारंपरिक बिलोना विधि से तैयार किया जाए, तो...

चिकित्सक

डॉ. मनीष कुमार: इटावा में वैदिक पद्दति से इलाज करने वाले आयुर्वेदिक चिकित्सक

आयुर्वेद, भारतीय लोगों के जीवन को स्वस्थ और संतुलित बनाए रखने के लिए सदियों से जानी जाती हैं। इसी को आधार बनाकर जनपद इटावा...

चर्चित व्यक्तिव

इटावा रत्न न्यायमूर्ति प्रेम शंकर गुप्त का हिन्दी भाषा के लिए अद्वितीय योगदान

प्रारंभिक जीवन न्यायमूर्ति श्री प्रेम शंकर गुप्त का जन्म 15 जुलाई 1930 इटावा में एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ। उनका जन्म ऐसे समय में...

पत्रकार

हेम कुमार शर्मा: पत्रकारिता के मजबूत स्तंभ, एक नेकदिल वरिष्ठ पत्रकार

हेम कुमार शर्मा: पत्रकारिता के मजबूत स्तंभ, एक नेकदिल वरिष्ठ पत्रकार अख़बारों के तारीक़ी इतिहास में हेम कुमार शर्मा का नाम स्वयं ही एक प्रतीक...

टॉप आर्टिकल्स

शरद तिवारी की अनमोल सेवा, लावारिस शवों को दिलाई गरिमामयी विदाई

शरद तिवारी: एक समर्पित समाजसेवी इटावा में शरद तिवारी का नाम समाज सेवा और मानवता के प्रति उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए जाना जाता है।...

व्यवसायी

उर्मिला शाक्य: “द लेडी कैफे” की प्रबंधक एवं ब्यूटी वेलनेस सेवाओं की अग्रणी विशेषज्ञ

उर्मिला शाक्य इटावा के बेहतरीन ब्यूटी सलून "The Lady Cafe- Makeup Studio, Salon and Academy"  की प्रबंधक हैं। वह ब्यूटी और वेलनेस सेवाओं में...

समाजसेवी

गौरैया की चहचहाहट में जीवन खोजती एक शिक्षिका : डॉ. सुनीता यादव

डॉ॰ सुनीता यादव का जन्म 21 जून 1976 को मैनपुरी जनपद के ग्राम अण्डनी, करहल में हुआ। पिता स्वर्गीय रामनारायण यादव, जो करहल के...

पूर्व अधिकारी