शहर में ट्रैफ़िक नियमों को लगातार तोड़े जाने और प्रशासनिक विभागों की लापरवाही के कारण यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। मुख्य बाज़ारों और व्यस्त मार्गों पर दुकानों के बाहर तक सजी अवैध दुकानें, फुटपाथों पर फैलता अतिक्रमण और सड़क के बीच खड़े वाहन लोगों के लिए बड़ी परेशानी बन गए हैं।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि नगर पालिका के कुछ जिम्मेदार कर्मचारियों की “मेहरबानी” से दुकानदार खुलेआम सड़क पर दुकानें सजा रहे हैं, जिससे पैदल राहगीर हों या वाहन चालक—सबको जाम का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि कई स्थानों पर लोगों के लिए सड़क से निकलना भी मुश्किल हो गया है।
यातायात पुलिस लगातार जाम को खुलवाने में लगी है, लेकिन जब तक नगर पालिका और संबंधित विभाग सक्रिय रूप से कार्रवाई नहीं करेंगे, तब तक समस्या का स्थायी समाधान संभव नहीं दिख रहा। लोगों का सवाल है कि आखिर जब सड़कें ही कब्जे में हैं, तो ट्रैफ़िक पुलिस कब तक व्यवस्था सुधारने की कोशिश करती रहेगी?
नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि अतिक्रमण पर तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए, सड़क किनारे अवैध पार्किंग पर रोक लगाई जाए और ट्रैफ़िक नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए, ताकि शहर की यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके।

