राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों और उनके बताए मार्ग को फिर से जनमानस में जीवंत करने के उद्देश्य से ‘सर्व सेवा संघ’ द्वारा “संविधान, लोकतंत्र और विरासत के लिए — एक कदम गांधी के साथ” शीर्षक से ऐतिहासिक पदयात्रा “कारवाँ प्यार का” निकाली गई है।
यह यात्रा राजघाट वाराणसी से राजघाट दिल्ली तक 2 अक्टूबर से 26 नवम्बर 2025 तक अनवरत रूप से जारी है। लगभग 1000 किलोमीटर की यह पैदल यात्रा 57 दिनों में पूरी की जाएगी। यात्रा का उद्देश्य देश में बढ़ते भ्रष्टाचार, अत्याचार, धार्मिक उन्माद तथा सामाजिक वैमनस्य को समाप्त कर भाईचारा, सौहार्द और प्रेम का वातावरण पुनः स्थापित करना है।
यात्रा संयोजक राम धीरज, अरविंद अंजुम और नंदलाल के नेतृत्व में यह कारवां जब जनपद इटावा में पहुंचा, तो जनपद के सभी धर्मों, वर्गों, राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों ने इसका गर्मजोशी से स्वागत किया।
इस अवसर पर कांग्रेस ज़िला अध्यक्ष आशुतोष दीक्षित ने यात्रियों के रात्रि विश्राम और भोजन की व्यवस्था कर अपनी सहभागिता दर्ज कराई। वहीं मैनपुरी कोऑर्डिनेटर करण सिंह राजपूत, ज़िला उपाध्यक्ष कृपाराम राजपूत, ज़िला प्रवक्ता प्रेरणा ज़ुबैरी सहित कई लोगों ने यात्रा में सक्रिय भूमिका निभाई।
इटावा के यात्रा संयोजक अखिलेश यादव ने यात्रियों के ठहरने और अन्य बुनियादी व्यवस्थाओं का दायित्व संभाला।
यात्रा में सतीश शाक्य, अखिलेश पाल, अनुराग कर्ण समेत अनेक कांग्रेस जनों ने भी सम्मिलित होकर पदयात्रियों का उत्साहवर्धन किया।
यात्रा के दौरान गुरु नानक जयंती के अवसर पर सभी पदयात्री गुरुद्वारे पहुंचे, मत्था टेका, सर्वधर्म प्रार्थना की और प्रसाद ग्रहण कर आगे बढ़े। इसके पश्चात उन्होंने नुमाइश परिसर स्थित शहीद स्मारक व गांधी जी की प्रतिमा तथा बुद्ध विहार स्थित अंबेडकर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
गौरतलब है कि यह पदयात्रा पूरी तरह से गैर-राजनीतिक है। इसमें हर उस व्यक्ति का स्वागत है जो गांधीवादी विचारधारा से जुड़ा है और सत्य, अहिंसा तथा प्रेम के मार्ग पर चलने में विश्वास रखता है।
यह यात्रा न केवल गांधी की दांडी यात्रा की याद दिलाती है, बल्कि देशवासियों को यह संदेश भी देती है कि गांधी आज भी प्रासंगिक हैं, और उनके विचार ही राष्ट्र की सच्ची दिशा दिखा सकते हैं।

