शहर के नारायण कॉलेज में “एक राष्ट्र, एक चुनाव” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के संवयक मोहन शर्मा, मुख्य अतिथि अभिषेक ज्ञानार्थी, कार्यक्रम संयोजक डॉ. धर्मेंद्र शर्मा, कार्यक्रम अध्यक्ष अनुरुद्ध गुप्ता, जिला संयोजक अभिषेक सिंह राठौर एवं सह जिला संयोजक अभिषेक सिंह राठौर मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने एक राष्ट्र, एक चुनाव की आवश्यकता और महत्त्व पर विस्तार से चर्चा की। गोपाल मोहन शर्मा ने कहा कि निरंतर चलने वाली चुनावी प्रक्रिया की जगह यह विचार भारत को विकास और समृद्धि की दिशा में तेजी से आगे बढ़ाने में सक्षम बनाता है। उन्होंने बताया कि 1967 तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होते थे, किंतु अनुच्छेद 356 के दुरुपयोग से यह परंपरा टूट गई।
जिला संयोजक अनुरुद्ध गुप्ता ने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव से मतदाता लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक ही दिन कर पाएंगे, जिससे मतदान प्रतिशत बढ़ेगा और लोकतंत्र मजबूत होगा। वहीं अभिषेक ज्ञानार्थी ने कहा कि इस व्यवस्था से क्षेत्रीय आवाज़ को राष्ट्रीय मंच मिलेगा और नए नेतृत्व को आगे आने का अवसर प्राप्त होगा।
सह संयोजक अभिषेक सिंह राठौर ने चुनावी खर्च का उल्लेख करते हुए बताया कि 2019 में खर्च 60,000 करोड़ रुपये था, जो 2024 में बढ़कर 1.35 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया। यह मॉडल देश के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक ढांचे में सुधार लाकर एक सशक्त भारत का निर्माण करेगा।
डॉ. धर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि बार-बार आदर्श आचार संहिता लागू होने से नीतिगत कार्य बाधित होते हैं। एक राष्ट्र, एक चुनाव से चुनावी खर्च कम होगा और शिक्षा, स्वास्थ्य व विकास योजनाओं में अधिक निवेश संभव होगा।
कार्यक्रम में उच्च शिक्षा प्रिंसिपल योगेश दुबे, फार्मेसी प्रिंसिपल अभिषेक तिवारी सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।