भद्रपद मास की शुक्ल पक्ष पंचमी से चौदस तक चलने वाला जैन धर्म का प्रमुख पर्व दशलक्षण पर्व इस वर्ष गुरुवार, 28 अगस्त 2025 से आरंभ होगा। दस दिनों तक चलने वाला यह पर्व आत्मशुद्धि, आत्मचिंतन और धर्मानुष्ठान का श्रेष्ठ अवसर माना जाता है।
जैन धर्मावलंबी इस पर्व के दौरान धर्म के दस लक्षण—क्षमा, मार्दव, आर्जव, शौच, सत्य, संयम, तप, त्याग, आकिंचन्य और ब्रह्मचर्य का पालन कर आत्मकल्याण की दिशा में अग्रसर होंगे। पर्व को लेकर जैन समाज में उत्साह का माहौल है।
नगर के पंचायती पंसारी टोला, करनपुरा, लालपुरा, बरहीपुरा, सरायशेख, नयाशहर, नशिया जी छिपेटी, चौगुर्जी सहित विभिन्न जैन मंदिरों में विशेष पूजन, प्रवचन, व्रत-उपवास और स्वाध्याय के कार्यक्रम आयोजित होंगे।
इस बार जसवंतनगर जैन मंदिर में सांगानेर से पधारे विद्वान श्रेयांश जैन एवं निखिल जैन का सानिध्य प्राप्त होगा। दोनों आचार्य व्रतों के दिनों में प्रतिदिन प्रवचन देकर जैन धर्मावलंबियों को मोक्षमार्ग की ओर प्रेरित करेंगे।
पर्व के दौरान प्रत्येक दिन प्रातः अभिषेक एवं स्वाध्याय, दोपहर में प्रवचन और सायंकालीन आरती, भक्तिप्रवचन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। सभी धार्मिक आयोजन श्रेयांश शास्त्री एवं निखिल शास्त्री के सानिध्य में संपन्न होंगे।