मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत अनाथ और असहाय बच्चों को निरंतर आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें। यह बात सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम कुमार शाक्य ने रविवार को निलोई गांव के प्राथमिक विद्यालय में आयोजित मिशन वात्सल्य कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि यह हम सभी का दायित्व है कि कोई भी पात्र बच्चा इस योजना के लाभ से वंचित न रहे।
बैठक के दौरान समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करते हुए पात्र बच्चों के आवेदन पर विचार किया। साथ ही दिव्यांग बच्चों के चयन, मुख्य पालकों के जेल में निरुद्ध होने पर उनके बच्चों की सहायता, गंभीर बीमारी से पीड़ित परिवारों के बच्चों की देखभाल, दत्तक ग्रहण प्रक्रिया, फॉस्टर केयर योजना के तहत पोषक माता-पिता (नंद व यशोदा) के चयन एवं मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से जुड़ी बालिकाओं के आवेदन कराए जाने पर विस्तृत चर्चा की गई।
कार्यक्रम में बताया गया कि शासन की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा एवं संरक्षण की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है और समाज के हर व्यक्ति को इस प्रयास में भागीदार बनना चाहिए। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से पात्र बच्चों तक योजनाओं की जानकारी पहुंचाई जा रही है।
इस बैठक में आंगनवाड़ी कार्यकत्री आशा देवी, अवनीत कुमारी, अनुराधा, सहायिका मिथलेश देवी, पंचायत सहायक महिमा कुमारी, आशा कार्यकत्री छाया देवी, द्रोपदी देवी, आरती देवी, अनीसा बेगम, अभयराम, विनय कुमार, प्रदीप कुमार, ध्रुव, गुलशन और विकास सहित कई स्थानीय लोग एवं समिति के सदस्य उपस्तित रहे।