मोहल्ला सराय खाम स्थित जामा मस्जिद में रमजान के पवित्र महीने के अवसर पर गुलामाने वारिस मुस्लिम वेलफेयर एजुकेशन फाउंडेशन द्वारा रोजा इफ्तार का आयोजन किया गया। इस मौके पर रोजेदारों ने सामूहिक रूप से इफ्तार में शिरकत की और माह-ए-रमजान की बरकतों का लाभ उठाया।
कार्यक्रम में वारसी फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष फराज वारसी ने कहा कि रमजान सिर्फ रोजे रखने और इबादत करने का नाम नहीं है, बल्कि यह महीना रहमत, बरकत और इंसानियत की खिदमत का बेहतरीन अवसर भी है। उन्होंने लोगों से जरूरतमंदों की मदद करने और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने की अपील की।
इस अवसर पर वारसी फाउंडेशन के मो. जानिब सफ़वी ने इफ्तार के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोगों को खाना खिलाना इस्लाम के सबसे पसंदीदा कार्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि खासकर रोजेदार को इफ्तार कराना बहुत बड़ा सवाब (पुण्य) का कार्य है, जिससे अल्लाह की अनगिनत नेमतें नसीब होती हैं और समाज में प्रेम और भाईचारे की भावना मजबूत होती है।
इफ्तार कार्यक्रम में बड़ी संख्या में रोजेदारों और स्थानीय लोगों ने हिस्सा लिया। सभी ने दुआ मांगी और अल्लाह से दुनिया में अमन, शांति और भाईचारे की दुआ की। फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने बताया कि रमजान के दौरान ऐसे आयोजन आगे भी किए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक लोग इस पाक महीने की बरकतों से लाभान्वित हो सकें और समाज में सौहार्द का संदेश जाए।