अंतरराष्ट्रीय आर्द्रभूमि दिवस एवं बर्ड फेस्टिवल के अवसर पर सामाजिक वानिकी प्रभाग के रेंज भरथना और जिला गंगा सुरक्षा समिति के संयुक्त तत्वावधान में जागरूकता गोष्ठी, चित्रकला प्रतियोगिता एवं बर्ड वाचिंग का आयोजन सरसईनावर स्थित पक्षी व्याख्यान केंद्र में किया गया। इस आयोजन में ग्राम प्रधान गंगाराम ने इस पहल की महत्वता पर प्रकाश डाला और बताया कि वर्ष 1971 में पहली बार रामसर कंजर्वेशन में प्राकृतिक जल स्त्रोतों जैसे नदी, तालाव, तलैया, पोखर आदि को बचाने की कवायद शुरू की गई।
वर्ष 1997 में भारत सरकार द्वारा इन प्राकृतिक जल स्त्रोतों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से नमभूमि दिवस मनाया जाता है, जो आज पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर सीओ भरथना शौकत उल्ला खान और डीपीओ नमामि गंगे संजीव चौहान ने तालावों के महत्व पर प्रकाश डाला और उनके संरक्षण की आवश्यकता को बताया।
कार्यक्रम में सरसईनावर के वेटलैंड क्षेत्र में विभिन्न पक्षियों की प्रजातियाँ देखने का अवसर भी मिला, जिसमें स्थानीय लोग और छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान जेआरएफ डा. संगीता ने वेटलैंड के प्रति समर्पित स्थानीय पचास व्यक्तियों एवं छात्र-छात्राओं को “वेटलैंड मित्र” का सम्मान दिया, जिससे इन क्षेत्रों के संरक्षण में स्थानीय लोगों की भागीदारी बढ़ सके।

