चकरनगर क्षेत्र के टकरूपुर गांव में खेत में एक खतरनाक रसल वायपर सांप दिखाई देने से हड़कंप मच गया। इस खतरनाक सांप के काटने के डर से स्थानीय किसानों ने उसे डंडों से पीट-पीट कर मौके पर ही मार डाला। बाद में, ग्रामीणों ने वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ. आशीष त्रिपाठी से संपर्क किया और उनके सर्पदंश सहायता हेल्पलाइन नंबर 7017204213 पर सांप की फोटो भेजकर उसकी प्रजाति की पहचान कराने की कोशिश की।
डॉ. आशीष त्रिपाठी ने फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि यह सांप बिगफोर प्रजाति का है, जो खतरनाक हीमोटोक्सिक वेनम से लैस होता है। उन्होंने बताया कि इस शीतकाल के दौरान शीत रक्त वाले सभी प्रकार के सांपों का रक्त तेजी से जमने लगता है, जिसके कारण वे निष्क्रिय अवस्था में कई घंटों तक पड़े रहते हैं और किसी को काटने की हालत में नहीं होते। इस कठिन समय में, उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे किसी भी सांप को न मारें, बल्कि उसे सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू करने के लिए वन विभाग को सूचित करें।
सर्पमित्र डॉ. आशीष त्रिपाठी ने यह भी बताया कि अगर किसी को जहरीले सर्प का दंश लगता है, तो तुरंत उनके हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके उचित चिकित्सा सहायता प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा, यदि सर्पदंश के रोगी को 1 या डेढ़ घंटे के अंदर जिला अस्पताल इटावा पहुंचाया जाए, तो एंटीवेनम से उनकी जान 100% बचाई जा सकती है।