इटावा में इन दिनों चार प्रमुख अधिकारियों की चर्चा जोरों पर है। जिलाधिकारी अवनीश राय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी अजय कुमार गौतम, और अपर जिलाधिकारी अभिनव रंजन श्रीवास्तव को लोग “इटावा के फैब फोर” कहने लगे हैं। ये अधिकारी न केवल अपने प्रशासनिक कौशल से बल्कि अपने आकर्षक व्यक्तित्व और करिश्माई छवि से भी लोगों का दिल जीत रहे हैं। इन अधिकारियों का प्रभाव ऐसा है कि लोग कहते हैं, “इटावा का प्रशासन नहीं, एक सुपरस्टार टीम काम कर रही है।”
आर्टिकल में ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर लगाने की बात करें, तो ये चारों अधिकारियों ने साबित कर दिया कि असली खूबसूरती किसी फिल्टर की मोहताज नहीं होती। आजकल जहां लोग अपनी फोटो को सुंदर बनाने के लिए 10 तरह के फिल्टर लगाते हैं, वहीं इनकी तस्वीरें बिना किसी एडिटिंग के भी पोस्टर मैटेरियल लगती हैं। लोगों का कहना है की, “जब ब्लैक एंड व्हाइट में ही इतना आकर्षण है, तो असल में ये कितने प्रभावशाली होंगे।”
जिलाधिकारी अवनीश राय की कार्यशैली उनके शांत और सशक्त नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है। उनकी मुस्कान और आत्मविश्वास से भरी उपस्थिति किसी भी सभा को खास बना देती है। प्रशासनिक कार्यों में उनकी दक्षता और योजनाओं की स्पष्टता उन्हें जिले का ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ बनाती है। उनकी कार्यशैली इतनी प्रभावशाली है कि लोग कहते हैं, “अगर अवनीश राय हैं, तो सब कुछ सही दिशा में है।”
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा का व्यक्तित्व और अनुशासन अपराधियों के लिए चुनौती है। उनकी कड़क निगाहें और तेज निर्णय क्षमता ने जिले में कानून-व्यवस्था को मजबूत किया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा का रौब ऐसा है कि अपराधी अब पहले ही थाने आकर सरेंडर कर देते हैं। उनका स्टाइल और कड़क अंदाज देखकर लोग कहते हैं, “अगर ये सिंघम फिल्म में होते, तो अजय देवगन को रिटायरमेंट लेना पड़ता।”
मुख्य विकास अधिकारी अजय कुमार गौतम को जिले का ‘ड्रीम प्लानर’ कहा जाता है। उनकी योजनाओं में जो स्पष्टता और आकर्षण है, वह लोगों को प्रेरित करती है। उनके नेतृत्व में विकास योजनाएं न केवल समय पर पूरी हो रही हैं, बल्कि उनकी प्रस्तुति का तरीका भी लोगों को प्रभावित करता है। अजय गौतम का व्यक्तित्व और उनकी कार्यशैली जिले को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है।
अपर जिलाधिकारी अभिनव रंजन श्रीवास्तव का व्यक्तित्व उनकी तेज-तर्रार निर्णय क्षमता और विनम्रता का बेहतरीन मेल है। वह किसी भी चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में संतुलन बनाए रखते हैं और अपने आत्मविश्वास से लोगों को प्रेरित करते हैं। उनकी कार्यशैली और उनका अंदाज उन्हें इटावा का ‘जेम्स बॉन्ड’ बनाता है। लोग उनकी विनम्रता और नेतृत्व क्षमता के कायल हैं।
इन चारों अधिकारियों ने न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत किया है, बल्कि अपने करिश्माई व्यक्तित्व से जिले को एक नई पहचान दी है। इटावा के लोग निश्चिंत हैं कि उनके जिले की बागडोर सही हाथों में है। कुल मिलाकर, इटावा के ये अधिकारी न केवल अपने प्रशासनिक कार्यों में निपुण हैं, बल्कि अपनी आकर्षक व्यक्तित्व से जिले को एक नई पहचान दे रहे हैं। अगर कानपुर मंडल के अधिकारीयों के व्यक्तित्व की बात की जाए, तो इन अधिकारियों के सामने कोई नहीं ठहर सकता। इटावा के लोग गर्व से कहते हैं, “इटावा के अधिकारी करिश्माई व्यक्तित्व के मामले में नंबर वन हैं।