ओम ब्राह्मण महासभा ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100वीं जयंती के अवसर पर आईटीआई स्थित कार्यालय पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर अटल बिहारी वाजपेयी जी को पुष्प अर्पित कर उनकी स्मृतियों को नमन किया गया। कार्यक्रम में यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन इटावा यूनिट को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया, जिसमें यूनियन के विभिन्न पदाधिकारियों को साल उड़ाकर सम्मान प्रदान किया गया।
सम्मानित किए गए पदाधिकारियों में यूनियन के अध्यक्ष अमित मिश्रा, कार्यकारी अध्यक्ष अतुल बीएन चतुर्वेदी, महासचिव आनंद स्वरूप त्रिपाठी, उपाध्यक्ष अमित वर्मा, मुजफ्फर अली, संजय चौहान, कोषाध्यक्ष गौरव भदौरिया, संयुक्त सचिव विनय बाथम, प्रचार मंत्री अजय बाथम और अन्य सदस्यों के नाम प्रमुख रहे। इस मौके पर यूनियन के अन्य सदस्य वंदना यादव, सुनील यादव, देवानंद, रानू दीक्षित, मुहम्मद फरमान, सुभाष सिंह, सुनील पाराशर, विवेक दुबे, बलवीर सिंह, सुहेल खान, मेक सिंह, मनोज कुमार, आकाश चौधरी और करन कठेरिया को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में इटावा लाइव के संस्थापक आशीष बाजपेयी को भी उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। वक्ताओं ने अटल जी के जीवन से जुडेि विभिन्न पहलुओं को साझा किया।
उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान किए गए ऐतिहासिक निर्णय, जैसे पोखरण परमाणु परीक्षण, स्वर्णिम चतुर्भुज योजना, और कारगिल युद्ध के दौरान उनका नेतृत्व, विशेष रूप से चर्चा का विषय रहे। अटल जी की राजनीति की शैली को उनके विरोधी भी सराहते थे, क्योंकि वे विचारधारा के प्रति अडिग रहते हुए भी संवाद और सहमति की राजनीति के पक्षधर थे।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता गुरुप्रकाश पांडेय ने की, जबकि संचालन अवधेश नारायण तिवारी द्वारा किया गया। आयोजन में ओम ब्राह्मण महासभा के संरक्षक राम किशोर मिश्रा, जिलाध्यक्ष आलोक तिवारी, महासचिव विपिन अवस्थी, युवा जिलाध्यक्ष कुलदीप मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष मेजर पांडेय, कोषाध्यक्ष मोनू दीक्षित और संरक्षक अरुण पांडेय सहित कई अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती मनाना था, बल्कि समाज के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले व्यक्तियों और संस्थानों को प्रोत्साहित करना भी था। इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने अटल जी के विचारों और उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम ने न केवल अटल जी की विरासत को जीवित रखने का काम किया, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरणा का भी स्रोत बना। महासभा ने इस आयोजन के माध्यम से समाज में एकता और समर्पण की भावना को प्रोत्साहित करने का संदेश दिया।