सैफई विश्वविद्यालय में मरीजों के तीमारदारों के लिए बनाए गए रैन बसेरे की हालत बेहद खराब है। यहां टिन शेड के नीचे कुछ बेड डाले गए हैं, जिन पर फटे हुए गद्दे रखे हैं। रैन बसेरे में रहने वाले लोगों के पास ओढ़ने के लिए कंबल तक नहीं हैं और न ही यहां सुरक्षा के कोई इंतजाम किए गए हैं। ऐसे में सर्दी के मौसम में यहां रात गुजारना मुश्किल हो रहा है।
विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि उन्होंने तीमारदारों के लिए 25 बेड की व्यवस्था की है, लेकिन मौके पर जाकर देखा गया कि यहां सिर्फ छह बेड ही हैं। रैन बसेरे में रह रहे सौरभ यादव, राजीव कुमार, अजीत और नीरज ने बताया कि यहां सर्दी से बचाव के लिए कोई इंतजाम नहीं है। बेड फटे हुए हैं और गद्दे भी खराब हालत में हैं। रात को ठंड लगने के कारण उन्हें काफी परेशानी होती है।
विश्वविद्यालय के प्रभारी कुल सचिव चंद्रवीर सिंह ने इस मामले में कहा कि जल्द ही रैन बसेरे में बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन के इस दावे पर सवाल उठ रहे हैं कि जब रैन बसेरे में सुविधाएं ही नहीं हैं तो बेड बढ़ाने से क्या फायदा होगा। बेड और गद्दों की संख्या बढ़ाई जाए सभी बेडों पर अच्छे गद्दे लगाए जाएं तीमारदारों के लिए कंबल की व्यवस्था की जाए रैन बसेरे में हीटर या अलाव की व्यवस्था की जाए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं
सैफई विश्वविद्यालय में तीमारदारों के लिए बनाए गए रैन बसेरे की हालत बेहद खराब है। विश्वविद्यालय प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले में तत्काल कदम उठाए और तीमारदारों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराए।