उदी मोड़ कस्बे और उसके आसपास के क्षेत्र में बंदरों की बढ़ती संख्या ने लोगों की नाक में दम कर रखा है। बंदर मकानों, दुकानों और राहगीरों को निशाना बना रहे हैं, जिससे क्षेत्रवासी भयभीत हो गए हैं। बच्चों और महिलाओं पर बंदरों के हमलों के कारण लोग घरों से बाहर निकलने में भी डर महसूस कर रहे हैं। बंदरों के लगातार हमले और उनका बढ़ता आतंक प्रशासन और वन विभाग के प्रति आक्रोश का कारण बन गया है।
शुक्रवार सुबह को उदी मोड़ निवासी 12 वर्षीय शुभी जब शिव विद्या मंदिर स्कूल जा रही थी, तो इटावा रोड पर स्कूल की सीढ़ियों पर चढ़ते समय अचानक बंदरों ने उस पर हमला बोल दिया। पीड़ित बालिका ने बताया कि पहले बंदरों ने उसका पैर पकड़ लिया और जब उसने पैर छुड़ाने की कोशिश की, तो एक बंदर ने उसे हाथ में काट लिया। इस हमले में उसका पैर और हाथ लहूलुहान हो गए।
बालिका के परिवार ने तुरंत उसे उदी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां उसे उपचार और रैबीज रोधी इंजेक्शन दिया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डा. विनोद शर्मा ने कहा कि यह कोई पहला मामला नहीं है, रोज़ाना बंदरों द्वारा घायलों के आने की घटनाएं सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि सीएचसी में बंदरों के हमले से लोग अत्यधिक परेशान हैं और यह समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। क्षेत्रवासियों ने प्रशासन और वन विभाग से बंदरों के बढ़ते आतंक को नियंत्रित करने की मांग की है ताकि लोग सुरक्षित महसूस कर सकें।