जिला प्रोवेशन अधिकारी सूरज सिंह और चाइल्ड हेल्पलाइन की जिला कोऑर्डिनेटर कीर्ति गुप्ता की सूझबूझ से एक बाल विवाह होने से पहले ही रोका गया। इस कार्रवाई में बाल संरक्षण अधिकारी सोहन गुप्ता की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिन्होंने बालिका को रेस्क्यू कर वन स्टॉप सेंटर इटावा भेज दिया।
चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की जिला कोऑर्डिनेटर कीर्ति गुप्ता को सूचना मिली थी कि भरथना थाना क्षेत्र के एक गांव में एक नाबालिग लड़की की शादी तय की गई है। सूचना मिलने के बाद उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए बाल संरक्षण अधिकारी सोहन गुप्ता, एएचटीयू प्रभारी दिवाकर, थाना भरथना के उप निरीक्षक सुमेश चंद्र और पुलिसकर्मियों की टीम बनाई। पुलिसकर्मी मोहन सिंह, राकेश मिश्रा, रुद्र प्रताप और महिला कांस्टेबल ललिता कुमारी भी इस कार्रवाई में शामिल थे।
टीम ने मौके पर पहुंचकर पूछताछ की और बालिका के पढ़ाई से संबंधित कागजात भी देखे, जिससे यह पुष्टि हुई कि वह नाबालिग है। इसके बाद टीम ने बालिका को रेस्क्यू कर वन स्टॉप सेंटर इटावा भेज दिया। वहीं, बालिका को सुबह बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जाएगा, जहां उसके भविष्य की दिशा तय की जाएगी। इस कार्रवाई से बाल विवाह की कुप्रथा को रोकने में बड़ी सफलता मिली है, और यह जिला प्रशासन और चाइल्ड हेल्पलाइन के संयुक्त प्रयासों की एक शानदार मिसाल है।