Tuesday, July 8, 2025

जसवंतनगर में गरीबों की कॉलोनी पर दबंगों का कब्जा

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जसवंत नगर। कस्बा के आवासहीन गरीबों को आवास का सपना पूरा कराने के लिए सन 2010 से 2014 के बीच नगर में तीन आवासीय कॉलोनीयों का निर्माण कराया गया था। उस वक्त लगा था कि अब गरीबों को घर मिल सकेगा। लेकिन डूडा में भ्रष्टाचार की बजह से गरीब आवासहीन लोगों की बजाय इन कॉलोनियों में बाहरी लोगों ने दबंगई की दम पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है ।

अभी तक उक्त कॉलोनियों को नगर पालिका के हैंड ओवर भी नहीं किया गया है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि आवासहीन गरीबों के लिए 3 कालोनियां सरकारी स्तर पर बनवाई गई थी। जिनमें से एक सन 2011 में तत्कालीन बसपा सरकार द्वारा काशीराम कॉलोनी का निर्माण कराया गया था जो वर्तमान तहसील भवन के सामने बाईपास पर निर्मित है। इसके अलावा केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के द्वारा 2 आवासीय कॉलोनियो का निर्माण आईएचएसडीपी योजना के तहत निर्माण कराया बताया गया था। इनमें से एक कॉलोनी रेलवे स्टेशन से थोड़ी दूरी पर मोहल्ला लुधपुरा में स्थित है। इसके अलावा दूसरी मोहल्ला कोठी कैस्त के समीप खेल मैदान पर बनवाई गई थी। यह कॉलोनी डूडा की देखरेख में बताई जाती है। इनमें से काशीराम कॉलोनी में गरीबों को निशुल्क आवंटन किया जाना था जबकि केंद्रीय योजना से बनी बाकी दोनों कॉलोनियो को शुल्क के साथ आवंटन के लिए रखा गया था। जिसके लिए डूडा के द्वारा नगर पालिका परिषद के जरिए प्रति आवास 15 हजार रुपए तथा अनुसूचित वर्ग के लिए साढ़े बारह हजार रुपये जमा कराकर रसीद काटी गई थी। इसी तरह से काशीराम आवास के लिए कुछ लोगों का चयन कर उनको आवंटन कर दिया गया था। इसके बाद आनन -फानन में बसपा सरकार में कुछ परिवारों को उसकी चाबियां भी सौंप दी गई थी। इसके बाद काफी दिन तक अन्य आवंटन नहीं हुए थे। इसके बाद बाहरी लोगों ने अपनी दबंगई की दम पर उन पर कब्जा करना शुरू कर दिया था, जब प्रशासनिक स्तर पर किसी ने उन्हें नहीं रोका तो फिर कुछ ही दिनों के अंदर पैसे वालों तक ने उस पर अपना कब्जा कर लिया था। हालांकि इनमें से ज्यादातर लोग अन्य जनपदों के बताए जाते हैं। इसके बाद जनपद में घटित कई अपराधों में यहां के इन अवैध निवासियों के नाम आए थे। लेकिन प्रशासन उसके बाद भी कार्यवाही करना उचित नहीं समझा है। इसमें उन गरीबों के साथ अन्याय किया गया जो इसके पात्र थे। उस समय काशीराम आवास की पात्रता के लिए सन 2010 तक ऐसे गरीब लोग जो कस्बा में बर्षों से स्थाई रूप से निवास कर रहे थे। उनका चयन ही नहीं किया गया है। यह योजना भी डूडा के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। इसके बाद अब उन 3 कॉलोनियो की बारी आती है, जिन्हें केंद्र सरकार की ओर से गरीबों के लिए बनवाया गया था। इन दोनों कॉलोनियो को भी अब तक नगर पालिका के हवाले नहीं किया गया है। इनमें से मोहल्ला कोठी कैस्त स्थित कॉलोनी का हाल सबसे ज्यादा खराब है। इसमें नगर पालिका के द्वारा जिन लोगों ने उसका शुल्क जमा किया था। उन का आवंटन नहीं किया गया था उनमें से कुछ उसमें जाकर रहने लगे बाकी के आवासों पर अवैध लोगों ने कब्जा जमाया हुआ है। इनमें से कई बांग्ला भाषी भी है जिनके बारे में चर्चाएं उठती रहती हैं कि वह बांग्लादेशी या रोहिंग्या भी हो सकते हैं। जिन आवासहीन गरीबों को हक मिलना चाहिए था। उनको नहीं मिला है। यह कॉलोनी अवैध शराब बनाने के मामले में काफी चर्चित रही हैं। नगर पालिका परिषद  के अधिकारी श्याम वचन सरोज ने बताया कि उक्त कॉलोनियां अभी तक नगर पालिका के हैंड ओवर नहीं की गई है। इस कारण नगर पालिका परिषद इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। इसमें शासन -प्रशासन को चाहिए कि उक्त कॉलोनीयों से अवैध लोगों को बाहर निकाला जाए। उसके बाद नियमानुसार उन लोगों को आवास आवंटित किए जाए जो निर्धारित समय के पूर्व से नगर में आवासहीन तरीके से निवास कर रहे हैं।

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Desk Etawah Live
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