Friday, December 12, 2025

राष्ट्रवादी स्वर : राष्ट्रकवि रामदास वर्मा निर्मोही

Share This
राष्ट्र यज्ञ में सैनिक वन , प्राणों की आहुति डालेगें।
स्वतंत्रता हित विश्व युद्ध में, सावरकर व्रत पालेंगे।।
यह कोई और नही राष्ट्रकवि “बल्लभ” जी के अकेले एक मात्र शिष्य राष्ट्र कवि रामदास वर्मा ” निर्मोही” है जो कांग्रेस के रास्ते जुड़कर देश की आजादी के लिए प्राणों की चिन्ता ना करते हुए तन – मन व धन से सदैव स्वतंत्रता की अलख जगाते हुए रेल की पटरियों को उखाड़ना , बिजली के तारों को काटना , असहयोग आन्दोलन व विदेशी कपड़ों की होली जलाने के साथ साथ होली को जलवाना तथा अन्य त्योहारों मे सहयोगआदि कार्यक्रमों में मुख्य भूमिका निभाते हुए अपनी ओजस्वी वाणी द्वारा राष्ट्र की स्वतंत्रता  में अपनी कविताओं के माध्यम से देश भर मे जोश पैदा भी करते थे।
  ” निर्मोही ” जी के भतीजे प्रमुख समाज सेवी “हरीशंकर पटेल” उप्र की महामहिम राज्यपाल माननीय आनन्दीबेन पटेल जी द्वारा सम्मानित के अनुसार ” निर्मोही ” जी का जन्म सन् 1910 मे हुआ तथा मृत्यु सन् 1946 के अन्त मे हुयी थी आपके पूज्यनीय पिता का नाम  स्व॰ श्री वंशीधर था।
आपकी प्रखर बुद्धि थी, आपको बचपन से पहलवानी के शौखीन थे , अच्छे पहलवानों मे गिनती थी आप कद काठीं से हुस्ट-पुष्ट थे आपकी लम्बाई 6 फुट 8 इंच थी, आप जगदीश विजय नाटक क्लब , पुरविया टोला , इटावा के प्रमुख कलाकारो में से एक थे , आपकी बुलन्द आवाज थी , आप जब तेज बोलते थे लगभग एक किलोमीटर से अधिक दूर तक सुनायी देता था। फिल्म अभिनेता पृथ्वी राजकपूर जी फिल्मों से पहले परसियन स्टाइल के नाटक कम्पनी बना कर खेलते थे , आपने भी आपके साथ नाटक खेला था। आपको राष्ट्र भक्ति का शौक होने के कारण उनके बार बार बुलाने पर भी मना कर दिया ।
 ” निर्मोही ” जी को सन् 1946 में हिन्दू राष्ट्रपति वीर सावरकर जी ने अखण्ड भारत परिषद के अवसर पर हिन्दू राष्ट्र कवि की उपाधि प्रदान करते हुए स्वर्ण पदक से भी सम्मानित किया यह उल्लेख इटावा जनपद के हजार साल की पुस्तक मे है। आपके घर पर वीर सावरकर जी भी आते थे , जो क्रान्तिकारी इटावा से होकर निकलते थे उनकी रुकने खाने तथा आगे के मार्ग की जानकारी आदि आप गोपनीय रखते हुए आगे का मार्ग तथा उनके साथ कई बार तो स्वयं चले जाते थे , लेकिन यह कोट वर्ड के साथ कार्य होता था इतना ही नही आप अपने घर में तथा मुहल्ले की बगियों मे रुकवाया करते थे लोगों को मालूम नही पड़ने देते थे कि आप कौन है।
  राष्ट्रकवि नीरज गोपाल जी ” निर्मोही” जी के शिष्य थे , वह ” निर्मोही ” जी के घर अक्सर आते जाते थे। न्यायमूर्ति श्री प्रेमशंकर गुप्त जी ने ‘ बल्लभ ‘ स्मृति ग्रन्थ , शिशु स्मारक समिति , इटावा मे ” निर्मोही ” जी की तारीफ करते हुए लेख लिखा है ।”इटावा के हजार साल” नामक पुस्तक में स्वतंत्रता सैनानी बताते हुए आपकी कविता भी लिखी है।
Share This
Ashish Bajpai
Ashish Bajpaihttps://etawahlive.com/
Content Writer, Call-7017070200, 9412182324, Email-cimtindia@gmail.com, बस एक क्लिक में जाने अपने इटावा को।
spot_img
अपनी खबर या कोई समस्या इटावा लाइव पर निशुल्क प्रकाशित करने हेतु हमें Whatsapp - 7017070200, Email – etawah.news@gmail.com पर जरुर भेंजें।

Read more

वोट करें

हमारा इटावा

दुनिया में कहीं नहीं है पांच नदियों का संगम, आखिर पचनद को क्यों मिला महातीर्थराज संगम का दर्जा?

महाकालेश्वर धाम पर पांच नदियों का संगम होता है और इसे 'पचनद' के नाम से जाना जाता है। इटावा और जालौन की सीमा पर...

शिक्षाविद

महान शिक्षाविद मदन लाल आर्य की शिक्षा के क्षेत्र में प्रेरणादायी यात्रा

महान शिक्षाविद मदन लाल आर्य की शिक्षा के क्षेत्र में प्रेरणादायी यात्रा मदन लाल जी आर्य एक बेहद शालीन व्यक्ति थे जिनका जन्म 24 दिसंबर...

राजनीतिज्ञ

पत्रकारिता से राजनीति तक,  इटावा की राजनीति के मास्टरमाइंड उदय भान सिंह यादव

उदय भान सिंह यादव का जन्म 26 जून 1972 को हुआ। उनके पिता स्वर्गीय श्री विजय पाल सिंह यादव टेलीफोन विभाग में कार्यरत रहे...

प्रशासनिक अधिकारी

कुलपति प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के नेतृत्व में नई ऊँचाइयों की ओर बढ़ता सैफई विश्वविद्यालय

प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह चिकित्सा शिक्षा और प्रशासनिक नेतृत्व की दुनिया में एक जाना-माना नाम हैं, जिन्होंने चार दशकों से अधिक का अनुभव अर्जित...

प्रमुख संस्थान

हर अवसर के लिए परफेक्ट साड़ी और सूट – सरदार जी साड़ी हाउस, इटावा

इटावा की प्रसिद्ध सुपर मार्केट, तिकोनिया में स्थित "सरदार जी साड़ी हाउस" एक ऐसा प्रतिष्ठान है जहाँ फैंसी साड़ियों और सलवार सूट की शानदार...

चिकित्सक

डॉ. डी. के. दुबे : एक प्रख्यात हड्डी रोग विशेषज्ञ

जनपद इटावा सहित आस-पास के जिलों में हड्डी रोग विशेषज्ञ के रूप में डॉ. डी. के. दुबे का नाम प्रमुखता से लिया जाता है,...

चर्चित व्यक्तिव

इटावा रत्न न्यायमूर्ति प्रेम शंकर गुप्त का हिन्दी भाषा के लिए अद्वितीय योगदान

प्रारंभिक जीवन न्यायमूर्ति श्री प्रेम शंकर गुप्त का जन्म 15 जुलाई 1930 इटावा में एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ। उनका जन्म ऐसे समय में...

पत्रकार

विशुन चौधरी: पत्रकारिता में उत्कृष्टता के साथ प्रेस क्लब की स्थापना में सहयोगी

विशुन कुमार चौधरी का जन्म 26 जनवरी 1962 को पुराना शहर इटावा में मोहल्ला शाहग्रान में हुआ। यह मोहल्ला छिपैटी और पुरबिया टोला के...

टॉप आर्टिकल्स

शरद तिवारी की अनमोल सेवा, लावारिस शवों को दिलाई गरिमामयी विदाई

शरद तिवारी: एक समर्पित समाजसेवी इटावा में शरद तिवारी का नाम समाज सेवा और मानवता के प्रति उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए जाना जाता है।...

व्यवसायी

उर्मिला शाक्य: “द लेडी कैफे” की प्रबंधक एवं ब्यूटी वेलनेस सेवाओं की अग्रणी विशेषज्ञ

उर्मिला शाक्य इटावा के बेहतरीन ब्यूटी सलून "The Lady Cafe- Makeup Studio, Salon and Academy"  की प्रबंधक हैं। वह ब्यूटी और वेलनेस सेवाओं में...

समाजसेवी

गौरैया की चहचहाहट में जीवन खोजती एक शिक्षिका : डॉ. सुनीता यादव

डॉ॰ सुनीता यादव का जन्म 21 जून 1976 को मैनपुरी जनपद के ग्राम अण्डनी, करहल में हुआ। पिता स्वर्गीय रामनारायण यादव, जो करहल के...

पूर्व अधिकारी