पिनाहट चंबल लिफ्ट परियोजना की नहर में 10 साल बाद पानी छोड़े जाने से बढ़पुरा ब्लॉक के किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। किसानों को उम्मीद थी कि इससे उनकी फसलें बेहतर सिंचाई साधनों के कारण लहलहा उठेंगी। लेकिन उनकी खुशी महज चार दिनों में ही गम में बदल गई।
शनिवार रात नहर का पानी बंधे को तोड़कर नगला गौर और नगला अजीत गांवों में घुस गया। इसके चलते दोनों गांवों में तबाही का माहौल बन गया। ग्रामीणों के घरों में पानी भर गया, जिससे दर्जनों परिवार घरों में कैद हो गए। वहीं, सैकड़ों बीघा जमीन पर खड़ी सरसों, अरहर और गेहूं की फसलें पानी में डूबकर बर्बाद हो गईं। नगला अजीत गांव में सबसे अधिक नुकसान हुआ। यहां किसानों की किचन गार्डन की फसलें भी डूब गईं। ग्रामीणों ने बताया कि यह नहर लगभग 10 वर्षों से बंद थी। हाल ही में पिनाहट चंबल नदी से 70 किलोमीटर लंबी इस नहर में पानी छोड़ा गया था। लेकिन उचित प्रबंधन के अभाव में यह पानी गांवों के लिए आफत बन गया।
ग्रामीणों और किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि नहर की मरम्मत और प्रबंधन को सही किया जाए ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। साथ ही फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा देने की भी मांग उठाई जा रही है। प्रशासन ने नहर के टूटने और पानी के गांवों में घुसने के कारणों की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही प्रभावित किसानों और ग्रामीणों को राहत देने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
यह घटना नहर प्रबंधन में लापरवाही को उजागर करती है और क्षेत्र के किसानों के लिए चिंता का विषय बन गई है।