जसवंतनगर। 23 वें तीर्थंकर श्री 1008 पार्श्वनाथ भगवान का निर्वाण कल्याण महोत्सव कस्बा के प्राचीन पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में बड़े हर्ष के साथ मनाया गया। इस दौरान सुबह से ही जैन श्रद्धालुओं मंदिर की ओर आतुर दिखे ओर भगवान के अभिषेक करने को सैकडो की संख्या में जैन श्रद्धालुओं ने पीत वस्त्र धारण कर अभिषेक किया।
वाराणसी में जन्मे वर्तमान के 23 वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ भगवान को मोक्ष श्रावण शुक्ल सप्तमी को झारखंड स्थित सम्मेदशिखर से 82 करोड़ 84 लाख 45 हजार 742 मुनियों ने मोक्ष को प्राप्त किया। ऐसी स्वर्ण भद्र टूक से कठोर तपस्या कर योग निरोध कर के कई मुनियों के साथ पार्श्वनाथ भगवान ने मोक्ष को प्राप्त किया और अपनी नश्वर काया और इस संसार चक्र के जन्म मरण से मुक्ति पाई और अंतिम पद को प्राप्त किया। कार्यक्रम की श्रंखला में सर्व प्रथम स्वर्णमयी कलश से प्रथम अभिषेक व शांतिधारा करने का सौभाग्य राजेश जैन व रोहित जैन परिवार को प्राप्त हुआ। तत्पश्चात पार्श्वनाथ भगवान की सामूहिक रूप से संगीतमय विशेष पूजन व निर्वाण कांड पढ़ते हुए निर्वाण दीपमय लाडू अर्पित किया गया। समाज के नव युवकों ने प्रखर जैन के भजन पर नृत्य करते हुए हाथों में गोला व लाडू श्री पार्श्वनाथ भगवान के सम्मुख अर्पित किया जिसमे समाज के महिला पुरुष विशेषकर बच्चों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम उपरांत साधु सेवा समिति के लोगो ने मिष्ठान वितरित कर कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।