इटावा। नमामि गंगे के अंतर्गत विश्व कछुआ दिवस 2024 के अवसर पर सामाजिक वानिकी प्रभाग एवं जिला गंगा सुरक्षा समिति इटावा के संयुक्त तत्वाधान में रेंज चकरनगर परिसर में जागरूकता गोष्ठी का आयोजन प्रभागीय निदेशक अतुल कांत शुक्ला के निर्देशन में किया गया।
इस अवसर पर जिला परियोजना अधिकारी नमामि गंगे संजीव चौहान ने बताया कि कछुए नदियों के जल को साफ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। प्राय कछुए दो प्रकार के होते है कठोर कवच एवं मुलायम कवच वाले कछुए l कछुए जहाँ एक ओर सड़ी-गली लाशो को खाकर खत्म करते है। वही दूसरी ओर कठोर कवच वाले कछुए पानी मे पैदा होने वाले हरित शैवाल को खाकर नदियों के जल के प्रदूषण को कम कर देते है।
क्षेत्रीय वन अधिकारी चकरनगर सत्यनारायण यादव ने कहा कि विश्व कछुआ दिवस प्रत्येक वर्ष 23 मई को सम्पूर्ण विश्व में मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य लोगों का ध्यान कछुओं की तरफ आकर्षित करने और उन्हें बचाने के लिए किए जाने वाले मानवीय प्रयासों को प्रोत्साहित करना है।
क्षेत्रीय वन अधिकारी शिव कुमार ने कहा कि कछुओं की प्रजाति लगभग 200 मिलियन वर्ष पूर्व से पृथ्वी पर पाई जाती है इन्हें विश्व की सबसे पुरानी जीवित प्रजातियों में से एक माना जाता है आज कछुआ धीरे–धीरे विलुप्त होने की कगार पर है यदि उनके प्रति लोगों में जागरूकता नहीं फैलाई गई तो यह प्रजातियां पूरी तरह से खत्म हो सकती हैं।
उप क्षेत्रीय वन अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि हिंदू धर्म में कछुओं को भगवान विष्णु के बारह अवतारों में से एक कच्छप अवतार के रूप में जाना जाता है इसलिए आज भी अनेकों मंदिरों में कछुओं के विग्रह विराजमान हैं और लोग उनकी पूजा करते हैं।
कार्यक्रम को सफल बनाने में पर्यावरण छात्र संसद के संयोजक संजय सक्सेना, वनरक्षक अमरेश कुमार,विपिन कुमार, सौरभ सिंह रुद्र प्रताप सिंह व अनुज तिवारी आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।