बकेवर:- महेवा विकास खंड के लखना, बकेवर क्षेत्र में लगातार बारिश के कारण इस बार आलू की बुवाई में 20 से 30 दिन की देरी हुई है। सामान्यतः 15 से 20 अक्टूबर तक बुवाई पूरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन खराब मौसम से खेतों की तैयारी प्रभावित हुई। अब आसमान साफ होने के साथ ही किसान बुवाई की तैयारियों में जुट गए हैं। नगर लखना के निवासी प्रगतिशील किसान चन्द्रशेखर कुशवाहा ने बताया कि उन्होंने अपने खेत के लिए आलू की प्रजाति 3797 और हॉलैंड के बीज चुने हैं। वे इन बीजों को बुवाई के लिए तैयार कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि बीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता और अंकुरण सुधारने के लिए संजेंटा कंपनी की ‘एम्स्टर दवा व बाबस्टीन दबा का उपयोग किया है। उन्होंने 120 पैकेट आलू के बीजों पर इस दवा का छिड़काव किया है।

सामान्यतः 200 मिलीलीटर दवा से 80 से 100 पैकेट बीजों का उपचार किया जाता है। यह दवा आलू के बीजों को रोगमुक्त रखने के साथ-साथ बेहतर जमाव और उच्च पैदावार में सहायक होती है। क्षेत्र के अन्य किसान भी तेजी से अपने बीज तैयार कर रहे हैं।
जनता कालेज बकेवर के कृषि विशेषज्ञ डा अशोक पांडेय का मानना है कि यदि अगले कुछ दिनों तक मौसम अनुकूल रहा, तो नवंबर के तीसरे सप्ताह तक अधिकांश क्षेत्रों में आलू की बुवाई पूरी हो जाएगी। इससे फसल की उपज पर खास असर पड़ने की संभावना नहीं है।

