उदय भान सिंह यादव का जन्म 26 जून 1972 को हुआ। उनके पिता स्वर्गीय श्री विजय पाल सिंह यादव टेलीफोन विभाग में कार्यरत रहे और सेवा निवृत्त होने के बाद भी समाजसेवा से जुड़े रहे। उनकी माता श्रीमती बृह्म देवी एक गृहणी रहीं, जिन्होंने अपने बच्चों को संस्कार और शिक्षा के सही मार्ग पर चलाया। पारिवारिक वातावरण में उन्हें अनुशासन, परिश्रम और ईमानदारी की शिक्षा मिली। यही गुण आगे चलकर उनके व्यक्तित्व और जीवन मूल्यों की नींव बने।
व्यक्तिगत जीवन में उनकी पत्नी श्रीमती सुनीता यादव एक गृहणी हैं, जिन्होंने हमेशा उनके राजनीतिक और सामाजिक कार्यों में सहयोग दिया। उनकी बड़ी बेटी दीप्ति सिंह बिहार सरकार में अध्यापक हैं, जबकि सलोनी यादव और ईशान यादव शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। परिवार की सरलता और संस्कार उनकी उपलब्धियों की आधारशिला है।
उनकी प्राथमिक शिक्षा मुरैना में हुई, जहाँ उन्होंने बचपन से ही पढ़ाई में रुचि दिखाई। विद्यालयी जीवन में वे एक तेज-तर्रार छात्र के रूप में पहचाने जाते थे। पिता के स्थानांतरण के चलते उन्हें उच्च शिक्षा के लिए भिण्ड आना पड़ा और यही से स्नातक एवं पत्रकारिता की पढाई पूरी की। पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ने की प्रेरणा उन्हें समाज की समस्याओं और उनकी अभिव्यक्ति के महत्व से मिली।
उदय भान सिंह ने अपने कैरियर शुरुआत इटावा में पत्रकारिता से की। अपनी पत्रकारिता कैरियर के दौरान उन्होंने कई दैनिक, साप्ताहिक और मासिक पत्र-पत्रिकाओं में संवाददाता और ब्यूरो चीफ के रूप में कार्य किया। उनकी लेखनी ने समाज की समस्याओं को उजागर किया और सत्ता तक आमजन की आवाज़ पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई। इसी दौरान उनकी पहचान एक सक्रिय और निडर पत्रकार के रूप में बनी।
पत्रकारिता के क्षेत्र में उन्होंने यदु वार्ता मासिक पत्रिका का संचालन भी कई वर्षों तक किया। इसके साथ ही 1995 में नेहरू युवा केंद्र द्वारा आयोजित युवा लीडरशिप कैंप और प्रधान लर्निंग कैंप में भाग लेकर उन्होंने नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया। यह अनुभव उनके आगे के राजनीतिक और सामाजिक जीवन में सहायक सिद्ध हुआ।
राजनीतिक जीवन में उनका आगमन वर्ष 1998 में हुआ, जब उन्होंने इटावा जिले में जिला कांग्रेस कमेटी से जुड़कर संगठनात्मक कार्य शुरू किया। 1998 से 2014 तक उन्होंने सचिव, महासचिव, मीडिया प्रभारी और उपाध्यक्ष जैसे अहम पदों पर रहते हुए पार्टी की मजबूती के लिए लगातार काम किया। उनकी निष्ठा और संघर्षशीलता ने उन्हें जिले की राजनीति में एक अलग पहचान दिलाई।
साल 2014 से 2019 तक वे जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष रहे। इस दौरान उन्होंने संगठन को मजबूत करने के लिए हर स्तर पर मेहनत की। कई बार उन्होंने जनहित के मुद्दों को आक्रामक तरीके से उठाया, जिससे वे जनता और कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रिय बने। उनकी अगुवाई में कांग्रेस ने कई बड़े आंदोलनों और विरोध प्रदर्शनों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। विपक्षी आवाज के रूप में उदय भान सिंह यादव इस दौरान मीडिया में सबसे अधिक चर्चित रहें। उन्होंने कई बार प्रशासन और सरकार के लिए गंभीर चुनौतिया प्रस्तुत की और उन्हें जनहित के मुद्दों को मानने के लिए मजबूर किया।
उदय भान सिंह यादव ने 1998 से 2024 तक हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में कई उम्मीदवारों के मुख्य सहयोगी के रूप में कार्य किया। चुनावी रणनीति और बूथ प्रबंधन में उनकी दक्षता के कारण उन्हें “चुनावी मास्टरमाइंड” भी कहा जाता है। यहां तक कि विरोधी दलों के लोग भी चुनावी सलाह के लिए उनसे मार्गदर्शन लेते देखे गए।
समाज में भी उन्होंने सक्रिय योगदान दिया। वे रेडक्रॉस सोसाइटी और प्रेस क्लब के आजीवन सदस्य हैं। इसके अलावा कई स्कूलों की प्रबंध समिति में सदस्य और पदाधिकारी रहते हुए उन्होंने शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए प्रयास किए। रक्तदान, वृक्षारोपण और श्रमदान जैसे अभियानों में उनकी भागीदारी ने उन्हें सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी स्थापित किया।
साल 2022 में उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर समाजवादी पार्टी की सक्रिय सदस्यता ग्रहण की। समाजवादी पार्टी में जुड़ने के बाद उनकी सक्रियता और प्रभाव और बढ़ गया। 2024 के लोकसभा चुनाव में वे इंडिया गठबंधन के समन्वय प्रभारी रहे और समाजवादी पार्टी प्रत्याशी जितेंद्र कुमार दोहरे के इलेक्शन एजेंट के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस चुनाव में उनकी रणनीति और प्रबंधन ने जीत सुनिश्चित की।
वर्तमान समय में वे समाजवादी पार्टी के पीडीए कार्यक्रम के जिला प्रभारी के रूप में कार्य कर रहे हैं। इस भूमिका में वे जिले के विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर सक्रिय रहते हैं और पार्टी के लिए जनसंपर्क व जनसंवाद को प्राथमिकता देते हैं।
उनके राजनीतिक जीवन की एक खास घटना 2018 में सामने आई, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के आगमन से पहले, उन्हें कांग्रेस जिलाध्यक्ष रहते हुए पुलिस ने जनहित की आवाज बुलंद करने के कारण गिरफ्तार कर लिया। 24 घंटे बाद उनकी रिहाई हुई, लेकिन इस घटना ने उनके संघर्षशील चरित्र और जनता के लिए समर्पण को और मजबूत किया।
उदय भान सिंह यादव के जीवन की विशेषता यह रही है कि वे हमेशा जनता की समस्याओं को प्रमुखता से उठाते रहे हैं। पंचायत और नगर निकाय चुनावों में गलत आरक्षण को ठीक कराने से लेकर आम लोगों के हितों के लिए लड़ाई लड़ना उनका स्वभाव रहा है। यही कारण है कि जिले में उन्हें आमजन का नेता माना जाता है।
उनकी ईमानदारी, संघर्ष और संगठनात्मक क्षमता ने उन्हें जिले की राजनीति का अहम चेहरा बना दिया है। वे न केवल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के महत्वपूर्ण पदों पर रहे, बल्कि पत्रकारिता और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में भी उन्होंने उल्लेखनीय योगदान दिया।
आज भी वे अपनी पहचान एक संघर्षशील नेता, कुशल चुनावी रणनीतिकार और समाजसेवी के रूप में बनाए हुए हैं। उनका ईमेल पता uday.etawah@gmail.com और मोबाइल नंबर 9410642578 है, जिसके माध्यम से लोग उनसे संपर्क कर अपनी समस्याएं साझा करते हैं। उनकी लोकप्रियता का आधार उनका मिलनसार स्वभाव और समस्याओं को हल करने की क्षमता है।