इटावा 20 जुलाई। स्थानीय कटरा सेवाकली स्थित महाकालेश्वर मंदिर में चल रही शिव महापुराण कथा के अंतर्गत आज रविवार को कथा वाचक आचार्य देवेश अवस्थी शास्त्री जी ने भगवान भोलेनाथ की तपस्या और कामदेव के भस्म होने तथा पार्वती की तपस्या का प्रसंग सुनाया।
शास्त्री ने तारकासुर को ब्रह्मा जी द्वारा मिले वरदान के अनुसार भगवान शंकर का पुत्र ही मारेगा। और तारकासुर से इन्द्र आदि सभी देवी-देवता पराजित हो गए। इस तरह सभी देवी-देवता समाधि लगाए बैठे भोलेनाथ के विवाह और फिर संतान होने की उम्मीद लगाये रहे। इंद्रदेव ने कामदेव का आवाहन किया कामदेव ने प्रकट होकर याद करने का कारण पूछा तब इंद्र ने सबकुछ बताया और कहां की तुम जाकर भोलेनाथ की समाधि भंग कर दो। ताकि वह पार्वती से विवाह करने को तैयार हो जाए।
कथा वाचक आचार्य देवेश अवस्थी ने बताया की कामदेव ने साथ अपनी लीला शुरू कर दी। जैसे ही शंकर जी की समाधि बंद हुई, तब उन्होंने चारों ओर देखा वाईं ओर कामदेव दिखाई पड़ा भगवान भोलेनाथ ने क्रोध में अपना तीसरा नेत्र खोला तो ऐसी आग निकली कि कामदेव जलकर भस्म हो गया और वह आग सारे ब्रह्मांड में फैलने लगी ब्रह्मा जी ने समुद्र की पूजा की और सारी आग पीने का आग्रह किया। उधर नारद के कहने पर पार्वती ने घोर तपस्या की। रविवार को भी भजन गायक प्रखर गौड़ ने अपने भजनोंके माध्यम सारे वातावरण भक्तिमय बना दिया।