सरकार की ओर से ग्राम पंचायतों में विकास और निर्माण कार्यों के लिए समय-समय पर धनराशि आवंटित की जाती है, जिससे विभिन्न कार्य संपन्न कराए जाते हैं। यह धनराशि वित्तीय वर्ष के दौरान खर्च की जानी होती है, लेकिन इटावा जिले की 467 ग्राम पंचायतों में अभी तक लगभग 9 करोड़ रुपये की रकम खर्च नहीं हो सकी है। वहीं, वित्तीय वर्ष समाप्त होने में मात्र 10 दिन शेष रह गए हैं।
जिले की ग्राम पंचायतों को विभिन्न विकास कार्यों के लिए अलग-अलग मदों से राशि प्रदान की गई थी, ताकि गांवों में आवश्यक निर्माण और सुधार कार्य संपन्न हो सकें। यह राशि पहले से ही अलग-अलग किस्तों में जारी कर दी गई थी, लेकिन अब तक इसका संपूर्ण उपयोग नहीं किया जा सका है।ग्राम पंचायतों को पंचम वित्त आयोग से जो रकम प्राप्त हुई थी, उसमें से अभी तक 1 करोड़ 62 लाख 6 हजार 74 रुपये खर्च नहीं किए जा सके हैं। इस राशि को मौजूदा वित्तीय वर्ष के भीतर व्यय करना अनिवार्य है।
राज्य वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि का भी पूरी तरह से उपयोग नहीं किया गया है। हालांकि, कुछ कार्य कराए गए हैं, लेकिन अब भी ग्राम पंचायतों के खातों में 7 करोड़ 16 लाख 25 हजार 549 रुपये की राशि शेष है। इस धनराशि से ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आने वाले गांवों और मजरों में विकास कार्य कराए जाने हैं।विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रतिदिन समीक्षा करने का निर्णय लिया है। ग्राम प्रधानों और सचिवों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि कार्ययोजना के अनुरूप जल्द से जल्द बची हुई राशि का उपयोग कर आवश्यक निर्माण कार्य पूरे किए जाएं।
शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि विकास और निर्माण कार्यों के लिए आवंटित धनराशि को समयबद्ध तरीके से खर्च किया जाए, अन्यथा संबंधित अधिकारियों और ग्राम प्रधानों पर कार्रवाई की जा सकती है। प्रशासन की इस सख्ती के बाद पंचायत स्तर पर कार्यों की गति बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।