इटावा। समाज कल्याण विभाग की ओर से भरथना में संचालित वृद्धाश्रम को बंद करने के आदेश के बावजूद संबंधित संस्था की ओर से आश्रम को बंद नहीं किया जा रहा है। बीते दिनों निदेशालय स्तर से आश्रम को बंद करने और वहां रह रहे संवासियों को आसपास के जिलों में भेजने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इसके बावजूद आश्रम का संचालन जारी है। इस पर विभाग और संस्था के बीच नोटिसों का आदान-प्रदान हो रहा है, लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए 1 जनवरी को संबंधित संस्था के चेयरमैन को अंतिम नोटिस जारी किया था। नोटिस में वृद्धाश्रम को तत्काल बंद करने और शासकीय सामान को विभाग को सौंपने का आदेश दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद आश्रम बंद नहीं किया गया। इस स्थिति ने समाज कल्याण विभाग को और भी गंभीर कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया।
शनिवार को इस मामले में और बढ़ोतरी हुई जब जिला समाज कल्याण अधिकारी रविंद्र कुमार शशि ने वृद्धाश्रम में जाकर वहां रखे गए सामान को जमा कराने का प्रयास किया। उन्होंने स्टोर रूम में ताला डालने की कोशिश की, लेकिन आश्रम में तैनात कर्मचारियों ने इसका विरोध किया। इसके बाद समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि कर्मचारियों ने सरकारी काम में बाधा डाली है, जिस पर उन्होंने लिखित शिकायत भरथना थाने में दर्ज कराई है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी ने यह भी बताया कि आश्रम के कर्मचारियों ने आश्रम के बाहर लगे बोर्ड को काले रंग से पुतवा दिया था, जिसे विभाग के अधिकारियों ने फिर से हटा दिया था। हालांकि, कर्मचारियों ने उस बोर्ड को फिर से खोल दिया, जिससे स्थिति और जटिल हो गई। इस मामले की सूचना पुलिस को दी गई है और विभाग के उच्चाधिकारियों को भी प्रकरण की जानकारी दी गई है।
इस बीच, विभाग ने आश्रम को बंद कराने के लिए आगे की योजना बनाई है और अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यदि इस प्रक्रिया में और किसी प्रकार की रुकावट आई, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। समाज कल्याण विभाग ने यह सुनिश्चित करने का वादा किया है कि वृद्धाश्रम के कर्मचारियों की ओर से की जा रही अवरोधों को शीघ्र ही दूर किया जाएगा।
यह मामला विभागीय लापरवाही और कर्मचारियों की अवज्ञा को उजागर करता है, और अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले को लेकर कब तक सख्त कदम उठाता है। इस प्रकरण ने यह सवाल भी खड़ा किया है कि आखिर क्यों समाज कल्याण विभाग के आदेशों की अवहेलना की जा रही है, और इसका जिम्मेदार कौन है?

