इटावा। युवक की हत्या के आरोप में कोर्ट ने घटना को सही मानते हुए पिता-पुत्र को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह घटना सात साल पहले सैफई थाना क्षेत्र में हुई थी। इस मामले के दो अन्य आरोपियों को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
भरथना थाना क्षेत्र के गांव चंदेठी निवासी धरमवीर सिंह पुत्र लाखन सिंह ने सैफई थाने में अपने पिता की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दर्ज कराई रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि उसकी बहन पूजा की शादी सैफई थाना क्षेत्र के गांव नगला आछे लाल में हुई थी। पूजा के पति ललित यादव की मौत हो जाने के कारण उनके पिता लाखन सिंह उनकी देखरेख के लिए उनके घर पर ही रहने लगे थे। इससे कुछ लोग रंजिश मानने लगे थे।
29 जून 2018 की देर शाम, लाखन सिंह गांव के हुकुम सिंह के खेत पर शौचक्रिया के लिए गए थे। तभी बाइकों पर सवार होकर रामवीर और उनका पुत्र अवधेश निवासी झिंगूपुरा अपने साथी संजीव निवासी नगला बलुआ और सुखवीर निवासी नगला धानी के साथ तमंचा और धारदार हथियार लेकर आ गए। इन लोगों ने लाखन सिंह को पकड़ लिया और कहा कि वह अपनी बेटी की ज्यादा मदद करता है, और मारपीट शुरू कर दी। बाद में उन्होंने लाखन सिंह को गोली मार दी।
धरमवीर सिंह के शोर मचाने पर गांव के लोग दौड़े तो आरोपी जानमाल की धमकी देते हुए भाग गए। पुलिस ने रामवीर, अवधेश, संजीव और सुखवीर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था। कोर्ट ने रामवीर और अवधेश को उम्रकैद की सजा सुनाई, जबकि दो अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।

