भरथना स्थित वृद्धाश्रम में वित्तीय अनियमितताएं पाए जाने के बावजूद संचालक संस्था “हेल्पिंग यूथ फाउंडेशन” के खिलाफ अभी तक शासन स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। पूर्व में दो जिलाधिकारियों ने संस्था को काली सूची में डालने और उसकी ग्रांट बंद करने की सिफारिश की थी, लेकिन शासन ने अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया।
एक दिसंबर को लापरवाही के चलते वृद्धाश्रम से निकले एक बुजुर्ग की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। यह घटना इकदिल थाना क्षेत्र में हुई, और मृतक की शिनाख्त तीन दिन बाद चार दिसंबर को हो सकी। यह मामला वृद्धाश्रम की व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े करता है। हेल्पिंग यूथ फाउंडेशन द्वारा मई 2017 से संचालित इस वृद्धाश्रम में 2018 में ही अनियमितताएं सामने आ गई थीं। तत्कालीन जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने मार्च से मई 2018 के बीच तत्कालीन एसडीएम हेम सिंह से विशेष ऑडिट कराने के बाद वृद्धाश्रम का निरीक्षण किया था। जांच में संवासियों की संख्या फर्जी पाई गई थी। 21 मई 2018 को मुख्य सचिव को पत्र लिखकर संस्था के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई थी।
इसके बाद वर्तमान जिलाधिकारी अवनीश राय और सीडीओ अजय कुमार ने भी वृद्धाश्रम में अनियमितताएं पाए जाने पर संस्था को काली सूची में डालने की सिफारिश की। लेकिन छह वर्ष बीतने के बाद भी शासन स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। शासन की ओर से अब तक कोई कदम न उठाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वित्तीय अनियमितताओं के बावजूद संस्था को न तो काली सूची में डाला गया और न ही उसकी ग्रांट बंद की गई। यह लापरवाही न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लगाती है, बल्कि संवासियों की सुरक्षा और अधिकारों को भी खतरे में डालती है।
स्थानीय लोगों और समाजसेवियों ने मांग की है कि वृद्धाश्रम में हो रही अनियमितताओं की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषी संस्था के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही से संवासियों की जान को खतरा न हो।

