बढपुरा ब्लाक संसाधन केन्द्र में आयोजित एक विशेष शिविर में 6 से 14 वर्ष के दिव्यांग बच्चों को विभिन्न प्रकार के उपकरण वितरित किए गए। समग्र शिक्षा अभियान के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में बच्चों को व्हीलचेयर, बैसाखी, कैलीपर्स, ब्रेल किट और सुनने की मशीन जैसी सुविधाएं प्रदान की गईं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. राजेश कुमार के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी अभिनव रंजन श्रीवास्तव ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने बच्चों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि ये उपकरण न केवल बच्चों को आत्मनिर्भर बनाएंगे बल्कि उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
खंड शिक्षा अधिकारी बीरेन्द्र सिंह ने बताया कि इस शिविर में कुल 115 बच्चों में से 103 बच्चों को उपकरण वितरित किए गए। उन्होंने कहा कि इन उपकरणों से दिव्यांग बच्चे अब बिना किसी बाधा के स्कूल जा सकेंगे और अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगे।शिविर में मौजूद दिव्यांगता विशेषज्ञों ने बच्चों का मूल्यांकन कर उनके लिए उपयुक्त उपकरणों का चयन किया। एलिम्को कानपुर से आए विशेषज्ञों ने सुनने में अक्षम बच्चों के लिए कान की मशीनें फिट कीं। यह शिविर समाज के लिए एक मिसाल है कि कैसे सभी बच्चों को समान अवसर प्रदान किए जा सकते हैं। सरकार की इस पहल से दिव्यांग बच्चों के माता-पिता में भी नई उम्मीद जगी है।
अपर जिलाधिकारी: “ये उपकरण दिव्यांग बच्चों के लिए वरदान साबित होंगे। वे अब शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी सक्रिय रूप से भाग ले सकेंगे।” जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी: “समाग्रा शिक्षा अभियान का उद्देश्य सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। यह शिविर इसी दिशा में एक कदम है।” समावेशी शिक्षा: यह खबर बताती है कि कैसे सरकार दिव्यांग बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। समाज का योगदान: यह खबर बताती है कि कैसे विभिन्न संगठन और व्यक्ति दिव्यांग बच्चों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। बच्चों की खुशी: यह खबर बच्चों की खुशी और उत्साह को दर्शाती है।
अन्त में जिला समन्वयक अर्चना सिन्हा द्वारा यह जानकारी दी गयी कि यहाॅ पर कुल पंजीकृत 115 बच्चों में से कुल 103 बच्चों को उपकरणों के लिए चिन्हित किया गया, जिसमें 16 व्हीलचेयर, 2 बैसाखी, 11 कैलीपर्स, 9 ट्राईसाइकिल, 05 रोलेटर, 2 ब्रेलकीट, 03 सी0पी0 चेयर, 03 सुगम्य केन, 6 एल्बोक्रच, 32 एमआर टीएलएम प्राईमरी तथा 18 एमआर टीएलएम सेकेण्डरी लेवल और कान की मशीन हेतु 15 सुनने में अक्षम बच्चों को कान की मशीन के साथ बैटरी भी प्रदान किया गया और यह भी जानकारी दी कि कुछ बच्चों को एक अथवा दो उपकरण भी प्रदान कियें जा रहें जिससें बच्चा ट्राईसाईकिल से विद्यालय तक पहुॅच कर बैसाखी के माध्यम से या रोलेटर के सहारे कक्षा-कक्ष में बैठ कर शिक्षा ग्रहण कर सके।