बकेवर:- महेवा विकास खंड के अन्तर्गत ग्राम पंचायत दाऊदपुर में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा अमृत महोत्सव के छठवें दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा कंस वध, जरासंध युद्ध और श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह का वर्णन किया गया। कथा आचार्य सुनील कुमार शुक्ल के मुखारविंद से यह प्रसंग सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए।
विशेष रूप से श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया। इस दौरान श्रोता भक्त बाराती बनकर झूम उठे। कथा के दौरान भक्तिमय संगीत ने भी श्रोताओं को आनंद से भर दिया।
कथा व्यास सुनील कुमार शुक्ल ने कहा कि जो भक्तों के पापों का हरण कर ले, वही ‘हरि’ है। उन्होंने यह भी बताया कि आस्था और विश्वास के साथ भगवत प्राप्ति आवश्यक है, जिसके लिए निश्चय और परिश्रम भी जरूरी है।
कथावाचक ने भागवत कथा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जो भक्त कृष्ण-रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं, उनकी वैवाहिक समस्याएं हमेशा के लिए समाप्त हो जाती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जीव परमात्मा का अंश है।
कथा के अंत में परीक्षित दयाशंकर त्रिपाठी और उनकी धर्मपत्नी उर्मिला देवी ने सामूहिक आरती संपन्न कराई। कथा पंडाल में सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। इस अवसर पर आयोजक सुनीता त्रिपाठी (पति हरीश त्रिपाठी), राधा रमण, शिवा, अवनीश, गोपाल, करन, अभिषेक, किशन, अंकित सहित क्षेत्र के कई श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।

