अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर सामाजिक वानिकी प्रभाग इटावा, जिला गंगा सुरक्षा समिति एवं जिला पर्यावरण समिति इटावा के सयुक्त तत्वाधान में लीडर्स इंटरनेशनल स्कूल मानिकपुर मोड़ इटावा में जागरूकता गोष्ठी का आयोजन जैव विविधता विषय पर किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के डायरेक्टर डॉ.मंजेश कुशवाहा ने मां सरस्वती का माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया। उन्होंने कहा कि आज हमने प्रकृति में मौजूद उन चीज़ों का दोहन कर लिया है जो पहले प्रचुर मात्रा में उपलब्ध थीं। इसलिए इन प्राकृतिक चीज़ों को संरक्षित करने की ज़रूरत है। दूसरी चीज़ों के अलावा जैव विविधता के संरक्षण की भी गंभीर ज़रूरत है।
विधालय प्रधानाचार्य कार्व यादव ने बताया कि 22 मई को जैव विविधता के मुद्दों से संबंधित समझ बढ़ाने और जागरूकता फैलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा जैव-विविधता पर अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया गया है। डीपीओ नमामि गंगे संजीव चौहान ने बताया कि जैव विविधता की दृष्टि से 17 वृहद विविधतापूर्ण (मेगा डाइवर्सिटी) देश में से एक है विश्व में 2.4% भू-क्षेत्र वाला भारत वैश्विक प्रजातियों में से लगभग 7.5% का प्रतिनिधित्व करता है धरती के चार करोड़ वर्षों के विकास क्रम में वैज्ञानिकों द्वारा अब तक लगभग 16 लाख प्रजातियों की पहचान की जा सकी है और अधिकांश प्रजातियों की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है।
जेआरएफ डॉ.संगीता ने कहा कि जैव-विविधता पारितंत्र को स्थिरता प्रदान कर पारिस्थितिक संतुलन को बरकरार रखती है। पौधे तथा जन्तु एक दूसरे से खाद्य शृंखला तथा खाद्य जाल द्वारा जुड़े होते हैं। एक प्रजाति की विलुप्ति दूसरे के जीवन को प्रभावित करती है। इस प्रकार पारितंत्र कमजोर हो जाता है। इस अवसर पर वन दरोगा सुरेश कुमार एवं जिला समन्वयक स्कॉन अनुज तिवारी ने भी अपने विचार व्यक्त किए और जैव विविधता संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रेया राठौर,सरिता, शिवानी कुशवाह, आजरा,गीता, वैष्णवी, तन्वी, रविंद्र कुमार गणेशदत्त,शमशाद, सोहेल,असलम आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।