मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 01 मार्च 2020 से अब तक पिता की मृत्यु होने की दशा में एक परिवार के अधिकतम दो बच्चों को प्रतिमाह ढाई हजार रुपए तथा किसी भी समय अनाथ हुए बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना के तहत चार हजार रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जा रही है। प्रशासन की मंशा है कि कोई भी पात्र बच्चा इस योजना के लाभ से वंचित न रहे।
इसी क्रम में, जिला प्रोबेशन अधिकारी सूरज सिंह के निर्देशानुसार बाल संरक्षण अधिकारी सोहन गुप्ता ने ब्लॉक सभागार में आयोजित ब्लॉक बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक में भाग लिया। उन्होंने क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को संबोधित करते हुए निर्देश दिया कि वे ऐसे सभी पात्र बच्चों की शीघ्र सूची तैयार कर संपूर्ण विवरण उन्हें उपलब्ध कराएं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी बच्चे के पिता कैंसर, एड्स या कुष्ठ जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होकर आय अर्जन में असमर्थ हैं, तो उन्हें भी प्रतिमाह ढाई हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
बैठक में चाइल्ड हेल्पलाइन की जिला समन्वयक कीर्ति गुप्ता ने हेल्पलाइन नंबर 1098 की विस्तृत जानकारी दी और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के बीच संबंधित पत्रक वितरित किए। बाल संरक्षण विशेषज्ञ प्रेम कुमार शाक्य ने बाल विवाह रोकने की अपील करते हुए कहा कि यदि कोई बाल विवाह की सूचना देता है, तो उसका नाम पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा।
इस अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. सुशील कुमार, बीआरसी से हंसराज, यूनिसेफ के बीएमसी इमरान सिद्दीकी, थाने से उप निरीक्षक प्रशांत कुमार और बाल विकास विभाग के ब्लॉक समन्वयक कौशल अवस्थी ने भी विभिन्न विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। बैठक में केस वर्कर बिलाल ने सहयोग प्रदान किया।