जसवंतनगर इटावा- शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा दिलाने की तमाम कोशिशों के बावजूद स्कूलों में शिक्षकों का लापरवाही पूर्ण रवैया नजारा आ रहा है। शासकीय शिक्षकों की लापरवाही का बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है। ऐसे ही हालात जसवंतनगर ब्लॉक के ग्राम सिरहौल में स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय का है। ग्रामीणों के मुताबिक प्रतिदिन विद्यालय देरी से खुलता है। ग्रामीणों के मुताबिक शिक्षकों की लेटलतीफी के बजह से यह विद्यालय प्रतिदिन देरी से खुलता है। हालात यह है कि बच्चे बैग टांगे स्कूल के ताला लगे गेट पर शिक्षकों का इंतजार करते रहते हैं और कई बार जब शिक्षक 11 बजे तक भी नहीं आते तो बच्चे वापस घर लौट जाते हैं।
राम नरेश, विनोद कुमार आदि ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई माह से विद्यालय में कोई सुधार नहीं हुआ। लगातार शिकायत के बाद शिक्षा विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती। केवल नोटिस के नाम पर खानापूर्ति कर ली जाती है।आपसी मिलीभगत से शिक्षक कर रहे मौज
ग्रामीणों का कहना है कि शासकीय विद्यालय में शिक्षकों की आपसी मिलीभगत से संचालन होता है। अधिकतर स्कूलों में शिक्षकों का हाल यह है कि पूरे स्टाफ के तालमेल से कुछ शिक्षक चिन्हित दिनों तक विद्यालय आते है बाकी अन्य शिक्षक घर बैठे वेतन प्राप्त करते है। इसी तरह शिफ्ट के रूप में शिक्षक विद्यालय आते है। ग्रामीणों ने कहा हम खुद परेशानी उठाकर अपने बच्चों को इस स्कूल में पढ़ने के लिए भेजते है। हालात यह है कि, आज शुक्रवार को करीब 11 बजे के बाद ही विद्यालय में पदस्थ गांव के एक शिक्षक ने ग्रामीणों की सूचना पर विद्यालय पहुंचे व ताला खोला। बताते चले कि इस स्कूल में 6 से 8 वीं कक्षा के कुल 69 छात्र-छात्राएं पंजीकृत है।
शिक्षकों के मनमाने रवैये से परेशान ग्रामीणों का कहना है कि कई बार सुधार की कोशिश की लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। कई ग्रामीणों ने बताया कि हमे अपने बच्चों के भविष्य की चिंता है। गांव का सरकारी स्कूल समय से नहीं खुलता और खुलता है तो शिक्षक पढ़ाते नहीं है, इस कारण बच्चों को अध्यापन कार्य प्रभावित होता है।
वहीं बीईओ अलकेश कुमार सकलेचा ने बताया है कि मामला संज्ञान में आया है। स्कूल के प्रधानाचार्य अखिलेश कुमार द्वारा भी कोई सूचना नहीं दी गई। जांच कराई जाएगी दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही होगी।