Sunday, November 23, 2025

पढ़ाई के बाद नहीं मिली नौकरी तो लगा दी 87 बीघा में स्ट्रौबरी,अब मिल रहा 3 करोड़ का ऑफर

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इटावा में कस्बा बसरेहर के पास ग्राम लालपुरा में किसान प्रबल प्रताप सिंह यादव इन दिनों पहाड़ों में होने वाली स्ट्रॉबेरी की खेती कर पाया नया मुकाम। बीएड के बाद बने किसान ने अपने 87 बीघा जमीन में स्ट्रॉबेरी की खेती कर पाया नया मुकाम।

इस फसल को लगाने में लगभग 85 लाख से अधिक की लागत आई है ।उन्होंने बताया मैंने बीएड पास करने के पश्चात नौकरी की तलाश की लेकिन कोई सफलता हासिल नहीं मिली, मैं अपने आपको बेरोजगार महसूस करने लगा था। फिर मैंने पढ़ाई लिखाई होने का फायदा उठाने के लिए कुछ लोगों से बातचीत की तो उन लोगों ने मुझे स्ट्रॉबेरी के बारे में जानकारी दी। तो हमने इसकी खेती करना का मन बना लिया इसलिए मैं एक बार हरियाणा गया वहां पर हिसार गया। जिसके बाद एक बार चंडीगढ़ चला गया जहां इस स्ट्रॉबेरी की खेती के बारे में जानकारी हासिल की, वहां काफी कुछ सीखने को मिला जिसके बाद मैं वापस आया और अपने पिताजी की खेती में हाथ बटाने का निर्णय किया। फिर मैने हिमाचल प्रदेश से अक्टूबर माह में स्ट्रॉबेरी के पौध मंगवाई । हमने स्ट्रॉबेरी उगाने के लिए अपना खेत तैयार करवाया सबसे पहले मैंने इस खेत में अच्छी तरीके से जुताई करवाई जिससे कि मिट्टी एकदम मुलायम हो जाए जिसके बाद हमने पूरे खेत में मल्चिंग बेड तैयार करवाए जिसमें ड्रिपिंग सिस्टम लगवाए और इस पर 25 एमएम की पन्नी लगवाई जिससे मल्चिंग बेड में किसी प्रकार के खरपतवार ना उगे। पूरी तरीके से जब मल्चिंग बैड तैयार हो गए इसके बाद हमने इन में पौध रोपने का कार्य शुरू कर दिया। अक्टूबर-नवंबर दिसंबर के बाद अब हमारे खेतों में स्ट्रॉबेरी लगने लगी है जनवरी फरवरी-मार्च तक स्ट्रॉबेरी निकलेगी अप्रैल माह में यह खत्म हो जाएगी। इस खेती को करने में लगभग 85 लाख रुपए की लागत आई थी।
अब हमारे यहां स्ट्रॉबेरी लगने लगी है जहां से हमने स्ट्रॉबेरी की पौध ली है उन्होंने बताया था कि एक पौध में करीब 1 किलो फल लगेगा। काफी अच्छी किस्म का फल लग रहा है। हमने एक भीगा में ढाई हजार स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाए थे 87 बीघा में लगभग ढाई लाख पौधे लग चुके हैं।
इसी हिसाब से 87 बीघा के लिए करीब ढाई लाख पौध मंगाई थी जो पूरी तरीके से लग चुकी है अब इसमें फल लग रहा है और दिल्ली के एक व्यापारी से बातचीत भी हो गई है वह हमारी फसल को देख गए हैं उनको हमारी फसल काफी अच्छी लगी है। बहुत जल्द इसकी तोड़ शुरु कर सप्लाई करना शुरू कर दिया जाएगा इसकी अनुमानित कीमत 3करोड़ रूपए आंकी गई है लेकिन यह करीब 4 करोड़ रुपए को भी पार कर जाएगी क्योंकि जिस हिसाब से इसकी पैदावार होगी और जिस हिसाब से फल लग रहा है तो मुझे पूरा अनुमान है कि यह चार करोड़ तक मुनाफा देगी।
जिला उद्यान अधिकारी डॉ सुनील कुमार ने बताया हमारे विभाग द्वारा इनको प्रेरित किया गया एक नई फसल स्ट्रॉबेरी की खेती है जो परंपरागत जो खेती की जा रही उससे हटके नई तरीके से नई किस्म की खेती की जाए उसके लिए इनको स्ट्रॉबेरी करने की सलाह दी गई थी। उसी उसी प्रकार उन्होंने स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की है जिस विधि से इनको बताया गया था हमारे विभाग द्वारा ड्रिप सिस्टम के बारे में बताया गया था जिसकी इनको सब्सिडी भी दी गई है इनको इस वर्ष सरकार द्वारा प्रोत्साहन रूप में प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपए दी जाएगी। कम समय में अधिक मुनाफा मिलता है अब इसके बाद अन्य किसान भी ऐसी खेती करने के लिए जुड़ेंगे जिससे उनकी आमदनी दुगनी हो सके। अनु फसलों के अपेक्षा ऐसी फसलों से किसानों को अधिक लाभ मिलता है। विभाग द्वारा इस फसल की बढ़वार के लिए इसकी गुणवत्ता के लिए एनपीके 19 19 का लिक्विड ड्रिप के माध्यम से देते हैं। ड्रिप और मल्चिंग का मेन उद्देश्य है जितना पानी देना जितना फटलाइजर देना उतना ही मिले। इस विधि से जितने पानी की जरूरत होती है उतने ही मिले और इससे खरपतवार नहीं होता है जिससे फसल की अच्छी पैदावार अच्छी होती।

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Desk Etawah Live
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