ग्राम सराय मिले में नेशनल हाईवे के किनारे से लेकर गांव तक के करीब 20 किसानों की 100 बीघा से अधिक खेती पिछले साल अगस्त और सितंबर में हुई भारी बारिश के कारण जलभराव की चपेट में आ गई। इससे खेतों में खड़ी धान की पूरी फसल नष्ट हो गई, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
किसानों ने धान के बीज, पौध, रोपाई और जुताई पर हजारों रुपये खर्च किए थे, लेकिन जलभराव के कारण उनकी पूरी मेहनत बर्बाद हो गई। इतना ही नहीं, जलभराव की वजह से खेतों की उपजाऊ क्षमता पर असर पड़ा, जिसके चलते नवंबर-दिसंबर में रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई भी नहीं हो सकी।
गांव के पूर्व प्रधान राघवेंद्र अवस्थी ने बताया कि किसानों को भारी नुकसान हुआ, लेकिन अब तक उन्हें शासन से कोई मदद नहीं मिली। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए ताकि वे दोबारा खेती कर सकें।
इस मामले में तहसीलदार राज कुमार ने कहा कि बारिश से फसल नुकसान की जानकारी मिली है और पीड़ित किसानों को मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि यह भी जांच की जाएगी कि सर्वे क्यों नहीं हुआ और तहसील को रिपोर्ट क्यों नहीं भेजी गई।