बकेवर:- महेवा विकास खंड के अन्तर्गत ग्राम परसौली स्थित बनखंडेश्वर महादेव मंदिर परिसर में चल रहे 108 कुंडीय महायज्ञ एवं श्रीमद् भावगत कथा व रासलीला कार्यक्रम के तहत जारी श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन भक्त प्रह्लाद प्रसंग का बखान किया गया। जिसे सुनकर कथा प्रेमी मंत्रमुग्ध हो गये।
इसमें कथा व्यास दीपकृष्ण जी महाराज ने कहा कि भक्त प्रह्लाद ने माता कयाधु के गर्भ में ही नारायण नाम का मंत्र सुना था। जिसके सुनने मात्र से भक्त प्रह्लाद के कई कष्ट दूर हो गए थे। कथा का आगाज गुरु वंदना के साथ किया गया।
इसके उपरांत उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की पावन लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि बच्चों को धर्म का ज्ञान बचपन में दिया जाता है, वह जीवन भर उसका ही स्मरण करता है। ऐसे में बच्चों को धर्म व आध्यात्म का ज्ञान दिया जाना चाहिए। माता-पिता की सेवा व प्रेम के साथ समाज में रहने की प्रेरणा ही धर्म का मूल है। अच्छे संस्कारों के कारण ही ध्रुव जी को पांच वर्ष की आयु में भगवान का दर्शन प्राप्त हुआ। इसके साथ ही उन्हें 36 हजार वर्ष तक राज्य भोगने का वरदान प्राप्त हुआ था। ऐसी कई मिसालें हैं, जिससे सीख लेने की जरूरत है।
इस मौके पर संकीर्तन मंडली की सदस्यों ने प्रभु महिमा का गुणगान किया। उन्होंने कई मनमोहक भजन प्रस्तुत किए, जिन पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।
इस अवसर पर महन्त जानकीदास महाराज,आचार्य राघवदास जी महाराज व अन्य साधूसंतों के जनसैलाब सहित आसपास क्षेत्र के लोग व महिलाएं बच्चे मौजूद थे। वहीं सुबह 7 बजे से 9 बजे तक हवन का आयोजन हो रहा है। जिसमें राघवदास जी महाराज द्वारा लोगों को हवन में बैठाकर हवन कराया जा रहा है। इसके बाद ही पंडाल में कथा सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक चल रही है। इसके बाद वृन्दावन से आये रासलीला के कलाकारों के द्वारा लीला का वर्णन किया जा रहा है। देर शाम भंडारे का प्रसाद माल पुआ का ग्रहण कराया गया।