इटावा। इटावा पुलिस द्वारा लगातार साइबर क्राइम को रोकने के अथक प्रयास किया जा रहे हैं जिसमें रविवार को चार दिन बाद लगातार घर पकड़ करते हुए इटावा पुलिस कप्तान ने साइबर फ्रॉड करने वाले चार अभियुक्त को गिरफ्तार किया है, रविवार से 4 दिन पूर्व छह व्यक्तियों को भी साइबर फ्रॉड करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की जा चुकी थी। शनिवार और रविवार 21-22 की रात्रि में साइबर फ्रॉड करने वाले चार अभियुक्त को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार सभी अभियुक्त अभी तक आम जनमानस से लगभग 9 करोड रुपए की ठगी कर चुके हैं।
इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन केंद्र द्वारा संपूर्ण भारत में साइबर अपराध करने वाले अभियुक्त का डाटा सभी राज्यों की राजधानी में उपलब्ध कराया जाता है जहां से भी साइबर फ्रॉड से संबंधित शिकायतें प्राप्त होती हैं जिसके माध्यम से जनपद इटावा में सस्पाइसियस ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड से संबंधित अभियुक्त की गिरफ्तारी एवं साइबर फ्रॉड के माध्यम से धोखाधड़ी करने वाले गैंग के पर्दाफाश के लिए लगातार इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा के निर्देशन में कार्रवाई की जा रही थी, जिस पर कार्य करते हुए पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है,पुलिस द्वारा चार अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया है जो आम जनमानस को सस्ते ब्याज पर लोन दिलवाने एवं उन्हें नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनके बैंक में अकाउंट खुलवाकर उनके एटीएम पासबुक चेक तथा सिम कार्ड का प्रयोग कर साइबर फ्रॉड करते थे। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से 20 लख रुपए की एक स्कोडा कार फ्रॉड में प्रयुक्त मोबाइल फोंस लैपटॉप कोड स्कैनर रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र आधार कार्ड बैंक चेक बुक पासबुक बरामद की गई है। इटावा की एसओजी सर्विलांस टीम थाना साइबर क्राइम एवं थाना फ्रेंड्स कॉलोनी द्वारा संयुक्त रूप से मुखबिर की सूचना के आधार पर साइबर ठगी करने वाले चार व्यक्तियों को जुगरामऊ चौराहे के पास से गिरफ्तार किया गया है। इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा ने बताया है कि यह सभी साइबर फ्रॉड करने वाले अभियुक्त बड़े ही छात्र ढंग से अपने अपराध को कारित करते थे एवं आम जनमानस को गुमराह करके साइबर फ्रॉड को अंजाम देते थे। जब इटावा पुलिस द्वारा गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ की गई तो उन लोगों ने बताया कि हम लोग आम जनमानस को बैंक से सस्ते ब्याज पर लोन दिलवाने एवं उद्योगों में रजिस्ट्रेशन करवा कर रोजगार दिलवाने के नाम पर उनका खाता बैंकों में खुलवा देते थे और इसी के साथ-साथ इन खातों से लिंक मोबाइल सिम कार्ड भी निकलवा लेते थे और बैंकों द्वारा उपलब्ध कराई गई खातों की किट इन लोगों से प्राप्त कर लेते थे। इसके बाद हम लोग खातों की यूजरनेम और पासवर्ड बनाकर उनको टेलीग्राम एप पर बने ग्रुप ई-पेय और जेड-पेय पर खातों की जानकारी डाल देते थे जिससे उन खातों में साइबर फ्रॉड का रुपया आने लगता था,जिसका लाभ लेते थे जिस पर हम लोगों को कमीशन के रूप में एक खाता उपलब्ध कराने के 70 हजार रुपए से लेकर 1 लाख तक मिलते थे इसके अतिरिक्त इन संचार को द्वारा हमें एक से डेढ़ प्रतिशत कंपनी का लाभ भी दिया जाता था। अभियुक्तों के पास एक फर्जी नंबर प्लेट भी बरामद हुई है जिसके बारे में पूछताछ करने पर उनके द्वारा बताया गया कि वे अपनी पहचान छुपाने के लिए कर में फर्जी नंबर प्लेट लगा लेते थे। इटावा पुलिस द्वारा साइबर फ्रॉड करने वाले हर्ष उर्फ नागेंद्र सिंह पुत्र संजय पाल निवासी बजरिया अलीगढ़ थाना कोतवाली जनपद फतेहगढ़,पाल रोहन प्रदीप पुत्र प्रदीप पाल निवासी बजरिया अलीगढ़ थाना कोतवाली जनपद फतेहगढ़,इमरान खान पुत्र शराफत खान निवासी अड्डा घसीट खान तुलसी नगर थाना फ्रेंड्स कॉलोनी जनपद इटावा एवं अनुराग यादव पुत्र नेत्रपाल सिंह निवासी ग्राम उदयपुर थाना फ्रेंड्स कॉलोनी जनपद इटावा को गिरफ्तार कर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज पंजीकृत कर जेल भेजा जा रहा है।
इसी के साथ-साथ बरामद कार को 207 एमबी एक्ट में सीज़ किया गया है। इसी के साथ-साथ इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा द्वारा सराहनीय काम करने वाली टीम को 25 हजार के पुरस्कार से पुरस्कृत भी किया गया है।